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Share bazaar Today : शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1066 अंक लुढ़का, निवेशकों के 3.25 लाख करोड़ रुपए डूबे

Updated Oct 15, 2020 | 18:50 IST

शेयर बाजारों में पिछले 10 दिनों जारी तेजी पर विराम लग गया। सेंसेक्स 1066 अंक लुढ़का गया। जानिए गिरावट की वजह क्या है।

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शेयर बाजार में भारी गिरावट
मुख्य बातें
  • बीएसई सेंसेक्स 1066.33 अंक यानी 2.61% की गिरावट के साथ 39,728.41 अंक पर बंद हुआ।
  • निफ्टी भी 290.70 अंक यानी 2.43% टूटकर 11,680.35 अंक पर बंद हुआ
  • सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस के शेयर को हुआ

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार (15 अक्टूबर) को भारी गिरावट हुई। सेंसेक्स 1,066.33 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में 290 अंकों की गिरावट हुई। इस वजह से निवेशकों को 3.25 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट कैप 3.25 लाख करोड़ रुपए की गिरावट के साथ 157.22 लाख करोड़ रुपए पर आ गई। यह गिरावट मुनाफा वसूली की वजह से हुई है। कारोबारियों के अनुसार अमेरिका में चुनाव से पहले प्रोत्साहन पैकेज को लेकर समझौता होने की उम्मीद कमजोर पड़ने और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के फिर से बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ शहरों में लॉकडाउन से दुनिया के बाजारों में चौतरफा बिकवाली हुई, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,066.33 अंक यानी 2.61% की गिरावट के साथ 39,728.41 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 290.70 अंक यानी 2.43% टूटकर 11,680.35 अंक पर बंद हुआ।

सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस को

कारोबारियों ने कहा कि घरेलू बाजार में हाल की तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली को उचित समझा। सेंसेक्स में शेयरों में एशियन पेंट्स को छोड़कर सभी में गिरावट दर्ज की गयी। एशियन पेंट्स 0.32% मजबूत हुआ। सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस का शेयर रहा। इसमें 4.68% की गिरावट आयी। उसके बाद टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और एचसीएल टेक का स्थान रहा। शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को 3.25 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 157.31 लाख करोड़ रुपए पर आ गया।

बाजार में बड़े प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से आई थी तेजी

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में बड़े प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद से तेजी आयी थी। लेकिन भारत में पैकेज को लेकर जो अनुमान था, वैसी घोषणा नहीं हुई। पुन: अमेरिका और यूरोप में पैकेज में देरी हुई है। साथ ही कोविड-संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी के कारण आर्थिक पुनरूद्धार को लेकर एक दबाव है। उन्होंने कहा कि शेयरों के दाम उच्च स्तर पर पहुंचने और आर्थिक पुनरूद्धार में नरमी को लेकर सुरक्षा का दायरा थोड़ा कम हुआ है। आने वाले समय में प्रवृत्ति प्रोत्साहन के संदर्भ में उपायों की घोषणा और कंपनियों के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम पर निर्भर करेगी।

दुनिया के शेयर बाजारों में भी गिरावट

दुनिया के अन्य बाजारों में एशिया में चीन का शंघाई, हांगकांग, जापान में तोक्यो और दक्षिण कोरिया के सियोल में दो% तक की गिरावट आई। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तीन% तक की गिरावट दर्ज की गयी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.17% की गिरावट के साथ 42.38 पर कारोबार कर रहा था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे की गिरावट के साथ 73.36 पर बंद हुआ।

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