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विदेशी कर्ज नहीं चुका पाया श्रीलंका, इतिहास में पहली बार बना डिफॉल्टर

Updated May 20, 2022 | 14:43 IST

श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने स्वीकार किया था कि श्रीलंका अपने लोन का पेमेंट इनका पुनर्गठन होने तक नहीं कर सकता है।

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झटका: इतिहास में पहली बार डिफॉल्टर बना श्रीलंका (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • श्रीलंका अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
  • श्रीलंका विदेशी कर्ज चुकाने से चूक गया है।
  • श्रीलंका द्वारा बांड का भुगतान 18 अप्रैल 2022 तक देय था।

नई दिल्ली। पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) अपने इतिहास में पहली बार दिवालिया हो गया है। श्रीलंका को 78 मिलियन डॉलर यानी 7 करोड़ 80 लाख डॉलर का कर्ज चुकाने के लिए 30 दिनों की मोहलत मिली हुई थी। इसकी अवधि बुधवार को समाप्त हो गई। इसकी वजह से पड़ोसी देश कर्जा ना चुका पाने पर डिफॉल्टर बन गया।

फिच ने घटाई श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग 
न्यूयॉर्क की रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने कर्ज में डूबे श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग को भी घटा दिया है। अब इसे 'रेस्ट्रिक्टेड डिफॉल्ट' कैटेगरी में डाल दिया गया है। देश 30 दिन की रियायत अवधि के बावजूद वैश्विक सॉवरेन बॉन्ड का पेमेंट करने में सफल वहीं रहा है। फिच रेटिंग्स ने श्रीलंका की लॉन्ग चर्म विदेशी मुद्रा (LTFC) जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को 'C' से 'RD' यानी रेस्ट्रिक्टेड डिफॉल्ट पर डाउनग्रेड कर दिया है।

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कर्ज में डूबा पड़ोसी देश
इस संदर्भ में फिच ने कहा कि, वरिष्ठ असुरक्षित विदेशी मुद्रा बॉन्ड के मामले में चूक को देखते हुए श्रीलंका की विदेशी मुद्रा मुद्दे से संबंधित रेटिंग को कम किया गया है। मालूम हो कि श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड, कमर्शियल बैंक लोन, एग्जिम बैंक लोन और द्विपक्षीय लोन का पेमेंट पहले ही सस्पेंड कर दिया है। इस साल श्रीलंका को 10.634 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है। इसमें से अप्रैल तक इसने सिर्फ 1.24 करोड़ डॉलर का ही पेमेंट किया है।

उल्लेखनीय है कि इस मुश्किल दौर में भारत ने श्रीलंका की काफी मदद की है। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रीलंका के साथ व्यापार लेनदेन को एशियाई समाशोधन संघ तंत्र से हटकर रुपये में निपटाने की इजाजत दी है। एक्सपोर्टर्स को श्रीलंका से पेमेंट प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर आरबीआई ने यह बड़ा फैसला लिया है।

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