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Stock Market Closing: निवेशकों के 2.39 लाख करोड़ डूबे, सेसेंक्स में 861.25 तो निफ्टी में 246 अंक की गिरावट

Updated Aug 29, 2022 | 16:45 IST

Stock Market Closing: बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल का बयान है। जिसमें फेड रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरों को बढ़ाने की नीति जारी रखने के संकेत दिए हैं।

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शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट
मुख्य बातें
  • इंट्राडे कारोबार में सेंसेक्‍स 1250 अंकों से ज्‍यादा गिर गया था
  • एफएमजीसी को छोड़कर अन्य सभी सेक्टर के शेयरों ने खराब प्रदर्शन किया। 
  • बैंक, फाइनेंशियल, आईटी और आईटी इंडेक्‍स निफ्टी पर 1.5 से 3.5 फीसदी कमजोर हुए।

Stock Market Closing:कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच सोमवार को शेयर बाजार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई हुई । आज के कारोबार में सेंसेक्‍स और निफ्टी में तेज गिरावट देखने को मिली। और इन गिरावटों से शेयर बाजार बंद होने  तक उबर नहीं पाया।  सोमवार को सेंसेक्स सेंसेक्स 861.25 अंक टूटकर 57,972.62 अंक पर जबकि निफ्टी 246 अंक टूटकर 17,312.90 अंक पर बंद हुआ। इंट्राडे कारोबार में सेंसेक्‍स 1250 अंकों से ज्‍यादा गिर गया था और निफ्टी 17200 के नीचे आ गया था। आज एफएमजीसी को छोड़कर अन्य सभी सेक्टर के शेयरों ने खराब प्रदर्शन किया। 

बाजार में चौतरफा बिकवाली दिखा

सोमवार को बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। इस दौरान लार्जकैप, मिडकैप और स्‍मालकैप हर सेग्‍मेंट में गिरावट देखी गई। बैंक, फाइनेंशियल, आईटी और आईटी इंडेक्‍स निफ्टी पर 1.5 से 3.5 फीसदी कमजोर हुए। वहीं अगर हैवीवेट शेयरों की जाय तो सेंसेक्‍स 30 के 22 शेयर रेड साइन में बंद हुए हैं। आज के TECHM, INFY, HCL Tech, TCS, Wipro, Tata Steel, Kotak Bank, HDFCBANK में बड़ी गिरावट देखी गई।बाजार की इस गिरावट में बीएसई पर लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 2.2 लाख करोड़ घट गया है। शुक्रवार को बीएसई पर लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,76,96,111.60 करोड़ पर बंद हुआ था। जो कि आज सोमवार को 2,74,56,330 करोड़ पर बंद हुआ है। यानी निवेशको को 2.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

फेड ने दिया था ब्याज बढ़ाने के संकेत

बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल का बयान है। जिसके बाद से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। और उसी संकेत का इसका असर भारतीय बाजार पर भी दिख रहा है। पॉवेल ने कहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक यानी फेड रिजर्व मौद्रिक नीति में ढिलाई नहीं बरतेगा भले इससे विकास दर को थोड़ा झटका ही क्यों न लगे। इसका मतलब था कि आने वाले समय में फेड रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोती की नीति जारी रख सकता है।

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