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टाटा, हुंडई, अडानी समेत कई विदेशी कंपनियां चलाना चाहती हैं भारत में प्राइवेट ट्रेन

Updated Feb 10, 2020 | 12:52 IST

Tejas Express: देश में प्राइवेट ट्रेनों की दौड़ तेज होने वाली है। देश विदेश की एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां भारतीय रेलवे के ट्रैक पर प्राइवेट रेल चलाना चाहती है। 100 रूट्स पर जल्द ही ये ट्रेन चल सकती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
Tejas Express: तेजस एक्सप्रेस के तर्ज पर चलेंगी प्राइवेट ट्रेन

नई दिल्ली: बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेजस एक्सप्रेस के आधार पर नई प्राइवेट ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे जल्द ही तेजस के तर्ज पर नई प्राइवेट ट्रेन चलाएगी, जो देश के टूरिस्ट प्लेस को कनेक्ट करेंगी। रेलवे ने हाल में ही देशभर में 100 रूट पर प्राइवेट ट्रेन चलाने का मेगा प्लान पेश किया है। भारतीय रेलवे इस कदम के जरिए प्राइवेट कंपनियों को ट्रेन संचालन का मौका दे रही है। 

देश में प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर कंपनी देश विदेश की तमाम कंपनियों को न्योता दिया है। इसमें दो दर्जन से ज्यादा संस्थानों ने अपनी रूचि दिखाई है, जिसमें अल्स्टॉम ट्रांसपोर्ट, बम्बार्डियर, सीमेंस एजी, हुंडई रोटेम कंपनी और मैक्वेरी के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही घरेलू कंपनियां टाटा रियलटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, हिताची इंडिया एंड साउथ एशिया, एसेल ग्रुप, अदानी पोर्ट एंड एसईजी, आईआरसीटीसी भी रेस में शामिल हैं। 

भारतीय रेलवे ने 100 रूट्स पर प्राइवेट ट्रेन चलाने का प्लान तैयार किया है। रेलवे ने इन 100 रूट्स की पहचान कर ली है और इस पर 150 प्राइवेट ट्रेन चलाई जा सकती हैं। इन रूट्स को 10 से 12 समूहों में बांटा जाएगा। मुंबई से नई दिल्ली, चेन्नई से नई दिल्ली, नई दिल्ली से हावड़ा, शालिमार से पुणे, नई दिल्ली से पटना कुछ ऐसे रूट हैं, जिनपर ये प्राइवेट ट्रेन चलाई जाएगी। 

प्राइवेट ट्रेन उस रूट पर मौजूद अन्य ट्रेन से 15 मिनट पहले चलेगी। इसकी जानकारी डॉक्यूमेंट दी गई है। सभी ट्रेन में कम से कम 16 कोच होंगे। इन ट्रेनों में कोच की संख्या रूट पर चलने वाली सबसे लंबी ट्रेन के कोच की संख्या से ज्यादा नहीं होगी। पैसेंजर ट्रेन अधिकत्म 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल सकेंगी। 

किसी रूट पर किराया प्राइवेट संस्था द्वारा तय किया जाएगा। वह ट्रेनों की फाइनेंसिंग, खरीद, ऑपरेशन और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होंगी। नए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए बजट 2020 में, 12 हजार करोड़ नई रेलवे लाइन के निर्माण के लिए आवंटित किए गए हैं, 2250 करोड़ रुपये गेज परिवर्तन के लिए, 700 करोड़ रुपये डब्लिंग के लिए, 5,786.97 रोलिंग स्टॉक के लिए और 1650 करोड़ रुपये सिग्नल और टेलीकॉम के लिए दिए गए हैं।

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