- कंपनियों को उनके एजीआर और स्पेक्ट्रम देनदारियों के संबंध में विभिन्न विकल्प दिए गए थे।
- टाटा टेलीसर्विसेज AGR बकाया से ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुनेगी।
- पहले वोडाफोन आइडिया ने लाएबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी।
नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के बाद अब टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) ने कहा कि वह समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया से ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुनेगी। दूरसंचार विभाग ने हाल ही में दूरसंचार कंपनियों को उनके एजीआर और स्पेक्ट्रम देनदारियों के संबंध में विभिन्न विकल्प दिए थे। अगर यह योजना पूरी होती है तो टाटा टेलीसर्विसेज में सरकार की हिस्सेदारी 9.5 फीसदी होगी।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके आकलन के अनुसार ब्याज का शुद्ध रूप से मौजूदा मूल्य (एनपीवी) करीब 850 करोड़ रुपये है। यह अनुमान दूरसंचार विभाग की पुष्टि पर निर्भर है। ब्याज को इक्विटी यानी शेयर में बदलने से सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 9.5 फीसदी होगी।
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टाटा टेलीसर्विसेज ने कहा, 'अधिकार प्राप्त निदेशक मंडल की 11 जनवरी, 2022 को हुई बैठक में कंपनी ने एजीआर बकाये से जुड़े ब्याज को इक्विटी में बदलने की इच्छा जतायी गयी। यह नियम एवं शर्तों को लेकर द्विपक्षीय समझौते पर निर्भर करेगा। इसमें ब्याज को इक्विटी शेयर में बदलने के बाद कंपनी संचालन और विभिन्न नियामकीय/कानूनी प्रावधान शामिल हैं।'
दूरसंचार विभाग की तरफ से सूचना में प्रदान की गई गणना पद्धति के अनुसार, 14 अगस्त, 2021 की प्रासंगिक तिथि पर कंपनी के शेयर की औसत कीमत लगभग 41.50 रुपये प्रति इक्विटी बैठती है। यह दूरसंचार विभाग की अंतिम रूप से पुष्टि पर निर्भर करेगा।
कम होगी मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी
कंपनी के अनुसार, 'अगर ब्याज को इक्विटी में बदला जाता है, इससे कंपनी के प्रवर्तकों समेत मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी कम होगी।' इससे पहले, वोडाफोन आइडिया ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। यह कंपनी में 35.8 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)