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साइबर क्राइम पर सरकार सख्त, केंद्रीय मंत्री ने बताया कब आएगा नया टेलीकॉम बिल

Updated Sep 23, 2022 | 18:21 IST

New Telecom Bill: अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो सरकार सेवा की निरंतरता पर ध्यान देगी क्योंकि अंत में स्पेक्ट्रम सरकार के पास वापस आ जाएगा।

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यूजर्स की प्रोटेक्शन के लिए नए टेलीकॉम बिल में कड़े प्रावधान (Pic: iStock)

नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि नया दूरसंचार विधेयक (New Telecom Bill) 6 से 10 महीनों में लागू हो सकता है, लेकिन सरकार किसी जल्दबाजी में नहीं है। यह बिल 137 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम (Indian Telegraph Act) की जगह लेगा। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने मसौदा विधेयक के लिए 20 अक्टूबर तक की समयसीमा तय की है।

दूरसंचार विधेयक 2022 (Telecom Bill 2022) पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी का ड्राफ्ट वर्जन जारी हुआ था। परामर्श प्रक्रिया के आधार पर, हम अंतिम ड्राफ्ट तैयार करेंगे। इसके बाद यह मसौदा संसद की समिति प्रक्रियाओं से गुजरेगा। मंत्री ने मसौदा विधेयक पर 36 मिनट से ज्यादा की विस्तृत प्रेजेंटेशन दी।

बिल से क्या होगा बदलाव?
यह विधेयक तीन कानूनों: भारतीय तार अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ वायर्स (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम, 1950 का स्थान लेगा। अगर इस बिल को मंजूरी मिल जाती है, तो व्हाट्सएप (Whatsapp), जूम (Zoom) और गूगल डुओ (Google Duo) जैसे टॉप खिलाड़ी जो कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विस प्रदान करने के लिए देश में काम करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।

ये है उद्देश्य
बिल में सभी इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप के लिए प्रस्ताव है कि वे अपने ग्राहकों को जानें (KYC) प्रावधान का पालन करें। मंत्री ने कहा कि बिल में पहला मौलिक विचार यूजर्स की सुरक्षा के बारे में है और हर एक यूजर को यह जानने का अधिकार है कि कॉल कौन कर रहा है।

कम होगी साइबर धोखाधड़ी
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि अगर कॉल अलग- अलग प्लेटफॉर्म से हो सकती हैं, तो हर प्लेटफॉर्म को एक ही तरह के रेगुलेशन के तहत आने की जरूरत है। यह सिर्फ भारत में नहीं है, यह दुनिया भर में विचार प्रक्रिया है। टेक्नोलॉजी इतने सारे बदलाव लाई है कि वॉयस कॉल और डेटा कॉल के बीच का अंतर ही गायब हो गया है। उन्होंने कहा कि केवाईसी मानदंड साइबर धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करेंगे।

मंत्री ने कहा कि ऑपरेटरों से सेवाएं लेते समय सही जानकारी देना यूजर्स का मौलिक कर्तव्य है। बिल में दूरसंचार सेवाओं का लाभ उठाने के लिए झूठी पहचान देने के लिए एक साल तक के कारावास का प्रस्ताव है। मंत्री ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को नए नियम में शिफ्ट होने का विकल्प दिया जाएगा।

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