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द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट, आशियाना बनाने में मददगार

Updated Jun 05, 2021 | 18:16 IST

रियल एस्टेट में बिल्डर और बायर के बीच एक तरह से डिस्कनेक्ट को खत्म करने के लिए बाजार में अच्छी पुस्तकें उपलब्ध नहीं है। लेकिन इस कमी को 'द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट' में दूर करने की कोशिश की गई है।

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द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट में बारीक जानकारी उपलब्ध है
मुख्य बातें
  • रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों के लिए खासतौर से 'द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट' किताब लांच
  • प्री और पोस्ट महामारी के बाद हालात का चित्रण किया गया है
  • ग्राहक, रियल एस्टेट के तकनीकी पहलुओं को भी जान सकेंगे

नई दिल्ली।  रेजिडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डर और बॉयर के बीच एक तरह का डिस्कनेक्ट दिखाई देता है। आमतौर पर दोनों पक्ष मिडलमैन पर निर्भर करता है जो अपने हिसाब से बिल्डर और बॉयर दोनों को जानकारी देता है और उसका असर यह देखा गया है कि बॉयर अक्सर अपने आपको ठगा महसूस करता है। इस विषय को समझने के लिए 'द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट' पुस्तक लांच हुई है। खास बात यह है कि यह अपने आप में पहली ऐसी पुस्तक है जो रियल एस्टेट पर लिखी गई है।

इस पुस्तक को इंडियन हाउसिंग सेक्टर के जाने-माने दिग्गज अश्विंदर आर सिंह लिखा है। 'द ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट' शीर्षक वाली यह किताब हर होमबॉयर, चैनल पार्टनर और डेवलपर के लिए जरूरी है। आइये आपको बताते हैं इस किताब के लेखन में शुरुआत से अंत तक अश्विंदर आर सिंह के अनुभवों के बारे में उन्हीं की जुबानी.. 

सवालः रियल इस्टेट सेक्टर के बारे में जानकारी के लिए क्यो अहम है ए टू जेड ऑफ रेजिडेंशियल रियल एस्टेट ?

जवाबः इस पुस्तक में रियल एस्टेट की पॉलिसी, रेगुलेशन और मार्केट के उभरते रुझानों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस किताब में आवासीय क्षेत्र को किस तरह फायदा होगा और इसके लिए लाभ के तरीकों पर प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा यह पुस्तक ना केवल प्रत्येक स्टॉकहोल्डरों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का विवरण देती है, बल्कि आगे क्या करें और क्या न करें और मौजूदा बाजार में मजबूती से जमने के सुझाव देती है।

सवालः महामारी को लेकर रियल इस्टेट सेक्टर को कहां देखते हैं?

जवाबः किताब में हर वो जरूरी अंश हैं जो मौजूदा परिस्थितियों में लोगों की मदद करेंगे। इस क्षेत्र को निश्चित रूप से गलत धारणाओं से बाहर निकलना पड़ेगा। इन धारणाओं को दूर करने के लिए मैंने किताब में हर जगह वास्तविकता को जगह दी है। इस किताब में रेरा से लेकर मौजूदा महामारी के माहौल और फिर महामारी से उबरने के बाद के दृश्य को रेखांकित किया गया है। इस क्षेत्र में सभी के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में इस किताब के जरिए मदद मिलेगी।


सवालः मौजूदा स्थिति में ग्राहकों को कैसे मदद मिलेगी?

जवाबः मौजूदा स्थिति में, रियल एस्टेट में शामिल सभी प्रकार के स्टॉक होल्डरों पर अनगिनत विचार मंडरा रहे हैं। जैसे  घर बनाने के लिए छोटे से मध्यम स्तर के डेवलपर्स हों, चैनल पार्टनर हों, जो एक अनिवार्य मध्यस्थ हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात, घर खरीदार जो अपने जीवन की कमाई का निवेश एक घर खरीदने में करते हैं। जहां वे रहते हैं या दूसरों को रहने देते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि पाठकों को यह पढ़ने में रुचिकर लगेगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे लाभ होगा।

सवालः इस किताब को लिखते वक्त आपके दिमाग में क्या चल रहा था?

जवाबः यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पुस्तक न केवल रियल इस्टेट के प्लेयर्स को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से अवगत कराती है, बल्कि होमबॉयर्स को घर खरीदने, बेचने या बनाने के लिए अगला कदम चुनने में भी मदद करती है। मैंने हर छोटी-छोटी और बेहद जरूरी चीजों को दिमाग में रखते हुए और उसपर समय देकर अध्ययन करने के बाद ही इस किताब में तथ्य जोड़े गए हैं। मुझे विश्वास है कि सभी हितधारकों को इस पुस्तक में एक व्यक्तिगत संरक्षक मिलेगा।

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