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हाउसिंग सेक्टर में बजट प्रावधान पर दिल्ली एनसीआर के डेवलपर्स की है यह प्रतिक्रिया

Updated Feb 02, 2022 | 14:25 IST

केंद्रीय बजट में हाउसिंग सेक्टर में खास प्रावधान किया गया है। इस मुद्दे पर दिल्ली-एनसीआर के डेवलपर्स की तरफ से खास प्रतिक्रिया आई है।

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हाउसिंग सेक्टर में बजट पर दिल्ली-NCR के डेवलपर्स ने क्या कहा
मुख्य बातें
  • 80 लाख सस्ते घर बनाने के लिए 48 हजार करोड़ का ऐलान
  • दिल्ली और एनसीआर के डेवलपर्स ने बजट को सराहा
  • सस्ते घर की चाहत रखने वालों की आस होगी पूरी

इस बजट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर पूरा ध्यान दिया गया। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए टियर-।। और टियर-।।। शहरों पर भी विशेष जोर दिया गया, जो रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक अच्छा संकेत है।  इसके सहत ही प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 80 लाख अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए  बजट में 48,000  इस सेक्टर में रोजगार के अवसर का भी सृजन करेगा।

दिल्ली-एनसीआर के डेवलपर्स की प्रतिक्रिया
इस बजट का रियल एस्टेट सेक्टर पर एक मौन प्रभाव पड़ा है, हालांकि अर्बन प्लानिंग  के प्रति सरकार का झुकाव विचारशील सिटी प्लानिंग के लिए मार्ग प्रशस्त करता है. शहरी नियोजन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है जो अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देगी और असंख्य अवसरों को खोल देगी। कानूनों द्वारा आधुनिक भवन और नए जमाने की निर्माण तकनीक प्रबल होगी जो इस क्षेत्र को समग्र रूप से बढ़ावा देगी। हम वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 48,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन से भी खुश हैं-दीपक कपूर, डायरेक्टर, गुलशन ग्रुप

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सेक्टर ने इस साल के बजट में कुछ ठोस घोषणाओं जैसे उद्योग का दर्जा और डेवलपर्स के लिए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट की उम्मीद की थी, मगर वह पूरी नहीं हुई। साथ ही, हम 2022-23 में पीएम आवास योजना और लगभग 80 लाख घरों की किफायती आवास योजना के लिए 48, 000 करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत करते हैं। हम शहरी क्षमता के विकास, निर्माण, योजना कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा गठित योजनाकारों और अर्थशास्त्रियों की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के लिए भी तत्पर हैं। एक चुनौतीपूर्ण वर्ष के बाद, रोजगार सृजन और रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को मजबूत करने के लिए संसाधनों को आवंटित करना महत्वपूर्ण था, जिसे सरकार ने पूरा करने का प्रयास किया है, लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक होने के कारण अधिक वित्तीय सहायता की जरुरत है और जो महामारी से प्रेरित मंदी में न केवल वापस उछाल हेतु नीतिगत समर्थन, बल्कि सरकारों के लिए 60 लाख रोजगार सृजन के लक्ष्य और $ 5 ट्रिलियन इकॉनमी के पैमाने को पूरा करने में एक बड़ा योगदान दे सकता है-अमित मोदी, निदेशक एबीए कॉर्प, प्रेसिडेंट इलेक्ट, क्रेडाई वेस्टर्न यूपी

इस बजट में सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर वित्त मंत्री को बधाई देते हैं। रियल एस्टेट सेक्टर को सीधे तौर पर फायदा नहीं मिला मगर जो प्रावधान सरकार की ओर से किये गये हैं उसका फायदा रियल फायदा इस सेक्टर को होगा। बेहतर कनेक्टिविटी और 80 लाख घरों का निर्माण और पीएम हाउसिंग स्कीम के तहत 'सभी के लिए आवास' 48,000 करोड़ रुपये के आवंटन रोजगार के अवसर का भी निर्माण करेगा-हरविंदर सिंह सिक्का,एमडी, सिक्का ग्रुप

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इस साल के बजट में सम्पूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है। रियल एस्टेट क्षेत्र को औद्योगिक एवं लोजिस्टिक्स और डेटा केंद्रों से संबंधित घोषणाओं से भी लाभ होगा, जो सम्पूर्ण रियल एस्टेट सेक्टर में आक्रामक रूप से विविधता लायेगा है। सिंगल विंडो क्लीयरेंस, इन्फ्रा-उद्योग का दर्जा और कर प्रोत्साहन अपेक्षित था जो नहीं हो पाया-सागर सक्सेना, प्रोजेक्ट हेड, स्पेक्ट्रम मेट्रो

इस साल के बजट में न केवल महानगरों में बल्कि टियर-II एवं टियर- III शहरों के साथ समग्र बुनियादी विकास पर जोर दिया गया, शहरी प्लानिंग आदि को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया गया। शहरी क्षमता के विकास, निर्माण, योजना कार्यान्वयन के लिए सरकार द्वारा गठित योजनाकारों और अर्थशास्त्रियों की उच्च स्तरीय समिति की स्थापना आधुनिक शहरी प्लानिंग में एक बड़ी छलांग है। कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2022-23 में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए घोशनाएँ मिली जुली रही। सिंगल विंडो क्लीयरेंस, इन्फ्रा-उद्योग का दर्जा और कर प्रोत्साहन अपेक्षित था जो नहीं हो पाया-उद्धव पोद्दार, एमडी, भूमिका ग्रुप

ये बजट समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला है; ईसीजीएल विस्तार से विनिर्माण क्षेत्र या कोविड प्रभावित क्षेत्र को मदद मिलेगी। राजमार्गों के विस्तार से जुड़ी घोषणाओं से बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। जहां तक रियल एस्टेट क्षेत्र का संबंध है, सरकार ने पीएमएवाय के लिए 48,000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है और 2023 तक 80 लाख किफायती घरों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इससे सेक्टर को लाभ होगा क्योंकि बुनियादी ढांचे के विकास और 2.0 ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की शुरुआत के कारण मांग बढ़ेगी, जो आय का सृजन करेगा-कुनाल भल्ला, सीईओ एंड फाउंडर, सीआरसी ग्रुप

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