वॉशिंगटन : चीन से शुरू होकर दुनिया में फैलने वाला कोरोना वायरस (Corona Virus) अमेरिका में भारी तबाही मचा रहा है। बुधवार तक यहां इस वायरस से 72,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। जबकि 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। इससे परेशान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कई बार तीखे हमले किए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस चीन की प्रयोगशाला में तैयार की गई है और वहीं से लीक हुआ है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पर जानलेवा कोरोना वायरस का हमला पर्ल हार्बर और 9/11 के हमलों से भी अधिक भयानक है। उन्होंने कहा कि मैं इस अदृश्य शत्रु को युद्ध के रूप में देखता हूं। इसे पहले ही रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उधर अमेरिका और चीन में ट्रेड वार भी शुरू हो गया है। इसी के तहत चीनी सरकार के अमेरिकी कंपनियों के आक्रामक अधिग्रहण को रोकने के लिए अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बिल पेश किया गया। सांसद जिम बैंक्स ने संसद में यह बिल पेश किया।
आक्रामक अधिग्रहण पर प्रतिबंध अधिनियम
सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य बैंक्स ने बुधवार को 'कोविड-19 के दौरान आक्रामक अधिग्रहण पर प्रतिबंध अधिनियम' पेश किया है। इससे अमेरिकी विदेशी निवेश समिति (सीएफआईयूएस) का दायरा बढ़ेगा। इससे सीएफआईयूएस को कोरोना वायरस संकट के दौरान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध रखने वाली कंपनियों के अमेरिकी कंपनियों में निवेश की समीक्षा करने में मदद मिलेगी।
महामारी का फायदा उठाने पर रोक
बैंक्स ने एक बयान में कहा कि हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि चीन की सरकार अपने लाभ के लिए इस महामारी का फायदा ना उठाए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अमेरिकियों का बेजा लाभ उठाने से रोकने के वादे पर ही चुनाव जीता था। ऐसे में चीन की इस कार्रवाई को रोकने में उनके साथ काम करने को लेकर मैं खुश हूं।
चीन कंपनियों पर लगाम लगाएगा बिल
यह बिल अधिग्रहण के अंतिम लेन देन से पहले उसकी जानकारी राष्ट्रपति के पास भेजने की अनुमति भी देगा। यह बिल रक्षा उत्पादन अधिनियम 1950 के हिसाब से क्लासीफाइड संवेदनशील बुनियादी ढांचे से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों में चीन से जुड़ी कंपनियों को 51% से अधिक हिस्सेदारी खरीदने से रोकेगा।
कोविड-19 महामारी को युद्ध के तौर पर देखते हैं ट्रंप
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कोविड-19 से पर्ल हार्बर हमले में मरने वाले लोगों से भी अधिक संख्या में लोग मारे गए। इसमें विश्व व्यापार केंद्र पर हुए 11 सितंबर 2001 के हमले में मरने वाले लोगों से अधिक लोग मरे। उस हमले में 3,000 लोग मरे थे, दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हमने इस आंकड़ें को पार कर लिया है। हम इसे युद्ध के तौर पर देखते हैं। पहले कभी इस तरह का कोई हमला नहीं हुआ।