कोविड-19 संकट के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण बेरोजगारी, छंटनी, और वेतन में कटौती होने लगी है। ऐसे समय में, अपने फाइनेंस को अच्छी तरह मैनेज करना जरूरी है। यदि आपकी आमदनी कुछ समय के लिए बंद हो गई है तो अभी आप सिर्फ अपनी सेविंग्स के सहारे अपना काम चला पाएंगे। यदि आपकी नौकरी जाने वाली है तो आपको उसके परिणामों के लिए तैयार रहना होगा। यहाँ, नौकरी छूटने के परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
नौकरी छोड़ने से पहले
नौकरी छोड़ने से पहले उसके असर को हल्का करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:-
हाथ में कुछ कैश तैयार रखें : अगली नौकरी मिलने में काफी समय लग सकता है। इसलिए, हाथ में कुछ कैश रहने से इस दौरान अपना खर्च चलाने में मदद मिलेगी। ज्यादा-से-ज्यादा सेविंग करें ताकि किराया, EMI, इंश्योरेंस, हेल्थकेयर, ग्रोसरी, यूटिलिटी, जैसे जरूरी खर्च के लिए पैसे मौजूद रहे। अपनी मासिक आमदनी का कम-से-कम छः गुना पैसे बचाकर रखें। उसके बाद उसे बढ़ाकर 12 गुना करें।
कुछ कर्ज चुकाएं : रेगुलर इनकम बंद होने के बाद, मौजूदा कर्ज और उसका इंटरेस्ट आपकी सेविंग्स पर बोझ बन जाएगा। इसलिए, छोटे-मोटे लोन, क्रेडिट कार्ड ड्यू, इलेक्ट्रॉनिक सामानों की EMI, इत्यादि जैसे कर्ज चुकाने की कोशिश करें। सेविंग्स और पेमेंट्स को बैलेंस करने का सही तरीके ढूंढें।
अपना इंश्योरेंस कराएं : नौकरी छूटने पर, एम्पलॉयर द्वारा दिया जाने वाला हेल्थ इंश्योरेंस भी बंद हो सकता है। इस वैश्विक-महामारी के दौरान, हेल्थ कवरेज के बिना रहना ठीक नहीं है। इसलिए, सबसे पहले अपने लिए रिटेल मार्केट से एक हेल्थ इंश्योरेंस ले लें। इसके अलावा, अपने सभी फैमिली मेम्बर्स का भी हेल्थ इंश्योरेंस कराएं।
नौकरी छोड़ते समय
मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार रहने पर, नौकरी छूटने के भावनात्मक प्रभाव से निपटने में आसानी होती है।
अपने अधिकारों और बाकी अमाउंट के बारे में जानें : कॉन्ट्रैक्ट्स का सम्मान करना जरूरी है। इसलिए, रोजगार से जुड़ी बातों की जानकारी रखें जैसे कितने दिन की नोटिस देनी होगी, कितनी पेंडिंग छुट्टियों को कैश कराया जा सकता है, और नौकरी छूटने पर कितना मुआवजा मिलेगा। इस पैसे से आपको नौकरी न रहने के दौरान काफी मदद मिलेगी।
अपना इंश्योरेंस ट्रांसफर करें : यदि आपने इंडिविजुअल इंश्योरेंस लिया है तो आप अपने एम्पलॉयर द्वारा दी गई ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को इंडिविजुअल पॉलिसी को बदल भी सकते हैं और नहीं भी। अपने एम्पलॉयर से इसके बारे में पूछें। आप इंश्योरेंस कंपनी को उसका प्रीमियम देकर उसे इंडिविजुअल पॉलिसी में बदल सकते हैं। यदि यह ग्रुप कवर कुछ साल तक मिलता रहा है तो ऐसा करना बहुत फायदेमंद होगा क्योंकि तब आपको कम्प्लीटेड वेटिंग पीरियड का लाभ मिलेगा और नए सिरे से शुरुआत नहीं करनी पड़ेगी।
बाकी पेमेंट लेना न भूलें : आपको कई तरह के मुआवजे मिल सकते हैं- नोटिस पीरियड के लिए आपकी सैलरी, सीवियरेन्स पैकेज, रेम्बर्समेंट्स, ग्रेच्युटी, बोनस, या स्टॉक ऑप्शंस। इन सबका हिसाब रखें क्योंकि बेरोजगारी के दौरान हर एक रूपया मायने रखता है। इसके अलावा, सैलरी स्लिप, फॉर्म 16, इत्यादि जैसे जरूरी दस्तावेजों की कॉपी लेना न भूलें।
जब नौकरी नहीं रहेगी
बजट टाईट करें : आर्थिक स्थिति ठीक न रहने पर, अपने खर्च पर ध्यान देना, बेकार या मनमौजी खर्च में कटौती करना, और जिन्दा रहने के लिए जरूरी खर्च के आधार पर बजट तैयार करना बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए, इंश्योरेंस प्रीमियम देना जरूरी है, लेकिन मोरेटोरियम की मदद से EMI को टाला जा सकता है।
PF, NPS और इन्वेस्टमेंट्स का इस्तेमाल करें : ऐसे समय में इन्वेस्टमेंट चालू रखना मुश्किल हो सकता है। इनकम न होने पर, जरूरी खर्च के लिए आपको अपनी सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट्स का सहारा लेना पड़ सकता है। सरकार ने EPF और NPS जैसे इन्वेस्टमेंट को निकालने की प्रक्रिया भी आसान कर दी है। लेकिन, ये लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट्स हैं, इसलिए आपको हाथ में मौजूद कैश ख़त्म होने के बाद ही इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
मोरेटोरियम का इस्तेमाल करें : भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में लोन कंपनियों को लोन EMI और क्रेडिट कार्ड ड्यू पर मोरेटोरियम को और तीन महीने यानी 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाने के लिए कहा है। इससे आपको लोन पेमेंट से कुछ समय के लिए राहत मिलेगी। लेकिन, बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही इसका इस्तेमाल करें क्योंकि मोरेटोरियम के दौरान बाकी अमाउंट पर इंटरेस्ट लगता रहेगा। क्रेडिट कार्ड ड्यू के लिए मोरेटोरियम का इस्तेमाल न करें क्योंकि इंटरेस्ट रेट 40% तक जा सकता है।
अपनी बेरोजगारी के दौरान नई नौकरी ढूंढने के साथ-साथ अपने कौशल को बढ़ाने की भी कोशिश करें। सुरक्षित रहें, अपने पैसे पर ध्यान दें, और खुद को याद दिलाते रहें कि आप इस संकट से बाहर निकल जाएंगे।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)