लाइव टीवी

अपने फाइनेंस को ठीक करने के लिए करें लॉकडाउन का इस्तेमाल, ये हैं 6 उपाय

Updated Apr 15, 2020 | 18:19 IST

Use of lockdown मौजूदा रिस्क के कारण हमारा पर्सनल फाइनेंस खतरे में पड़ गया होगा। आइए, अपने पर्सनल फाइनेंस को ठीक करने के लिए ये 6 कदम उठाने की कसम खाएं ताकि हम फिर कभी मुश्किल में न पड़े।

Loading ...
लॉकडाउन का इस्तेमाल कर खुद का फाइनेंस ठीक करें

फाइनेंसियल प्लान बनाकर न रखने के बारे में खुद से क्या कह रहे थे? आपके पास समय नहीं था? आपके पास इसकी जानकारी नहीं थी? आपको नहीं पता था कि कहां से शुरुआत करनी चाहिए? अप्रैल आ गया है, यह नए फाइनेंसियल इयर की शुरुआत है। पूरी दुनिया, लॉकडाउन में है। आप घर में हैं। फाइनेंसियल दृष्टि से, आपको परेशानी हो रही होगी। आपके कैश फ्लो पर असर पड़ा होगा। आपने गंभीर बीमारियों के लिए पर्याप्त इंश्योरेंस नहीं लिया होगा। आपकी लिक्विडिटी कम हो रही होगी। यही वजह है कि यह अपने पर्सनल फाइनेंस को ठीक करने का काम शुरू करने का शायद सबसे सही समय है, ताकि आपको फिर कभी इस मुश्किल और डर या चिंता का सामना करना न पड़े। यहां इस काम में आपकी मदद करने के लिए 6 उपाय बताए गए हैं।

इमरजेंसी फंड, अभी
मौजूदा संकट के दौरान आपको समझ में आ गया होगा कि ऐसे मुश्किल समय से निपटने के लिए लिक्विडिटी या पैसे का होना कितना जरूरी है। ये लिक्विडिटी या पैसा सिर्फ आपको मौजूदा समस्या से बाहर निकलने में ही नहीं बल्कि आने वाले महीनों में आमदनी की किल्लत से निपटने में भी काफी मददगार साबित होता है। फाइनेंसियल प्लानर इस पैसे को इमरजेंसी फंड कहते हैं, जिसका इस्तेमाल सिर्फ मुश्किल समय में ही करना चाहिए जैसा कि अभी के हालात हैं। इस फंड का कोई निश्चित आकार निर्धारित नहीं किया गया है लेकिन शुरुआत करने वालों के लिए, इस फंड में 3 से 6 महीने का खर्च चलाने लायक पैसा रखना ठीक होगा। यह फंड तब तक सिर्फ अपने जरूरी खर्च जैसे किराया, EMI, इंश्योरेंस पेमेंट, किराने का सामान, यूटिलिटी बिल, ट्रांसपोर्ट, हेल्थकेयर और परिवार की विभिन्न जरूरी जरूरतें, इमरजेंसी ट्रेवल और मरम्मत, इत्यादि का खर्च चलाने के लिए है जब तक आपकी आर्थिक स्थिति फिर से दुरुस्त नहीं हो जाती। इस फंड का इस्तेमाल लाइफस्टाइल और मनमौजी खर्च जैसे हॉलिडे या गैजेट्स खरीदने के लिए नहीं करना चाहिए। यह फंड, मुश्किल समय से बाहर निकलने का आखिरी सहारा है। इसे एक रेकरिंग डिपोजिट, फिक्स्ड डिपोजिट, या लिक्विड म्यूच्यूअल फंड्स का इस्तेमाल करके तैयार किया जा सकता है।

अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस
आपको इस बात की याद दिलाने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता कि आपके परिवार के प्रत्येक सदस्य को हेल्थ कवरेज की जरूरत है। आपके एम्पलॉयर द्वारा दिया जाने वाला कवरेज, काफी हो भी सकता है और नहीं भी। लम्बे समय तक अस्पताल में रहने पर और गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च के कारण अधिकांश परिवारों पर बहुत ज्यादा फाइनेंसियल दबाव पड़ सकता है, वे कर्ज में डूब सकते हैं, और उनके जीवन के लक्ष्यों के पूरा होने में देर हो सकती है जैसे रिटायरमेंट या बच्चों का हायर एजुकेशन। इस वैश्विक महामारी ने यह भी साबित कर दिया है कि एक परिवार के कई लोग एक साथ खतरे में पड़ सकते हैं, और परिवार पर पड़ने वाला फाइनेंसियल दबाव, बहुत तकलीफदेह हो सकता है। तो आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस न लेने की क्या वजह है? इस समय का इस्तेमाल अपने ऑप्शंस की तुलना करने, इंश्योरेंस सलाहकारों से बात करने, और अब और देर किए बिना अपना कवरेज लेने के लिए करें। सुनिश्चित करें कि आपके परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के पास पर्याप्त बुनियादी कवरेज है - कम से कम 5 से 10 लाख रु. यदि आप शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, और यदि आपके पास कोई दूसरा कवरेज नहीं है। आप एक सुपर टॉप-अप की मदद से इस बुनियादी कवरेज को बढ़ा सकते हैं। आपको अपनी क्षमता के अनुसार कम लागत पर ज्यादा से ज्यादा कवरेज लेने की कोशिश करनी चाहिए। इसकी मदद से, जब आपके परिवार पर कोई सेहत सम्बन्धी संकट आएगा, तब आपको पैसे की चिंता सबसे कम रहेगी।

टर्म प्लान यदि आपके आश्रित हैं
पिछले कुछ सप्ताह में हेल्थ रिस्क काफी बढ़ गया है। यह इस बात को याद करने का भी एक अच्छा समय है कि आपके परिवार को अपना खर्च चलाने के लिए एक सहारे की जरूरत है यदि आप (उनका कमानेवाला) अपने समय से पहले गुजर जाते हैं। एक टर्म प्लान लेना, अपने परिवार को यह फाइनेंसियल सुरक्षा प्रदान करने का सबसे बढ़िया तरीका है। सही इंश्योरेंस कवरेज का पता लगाने के कई तरीके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी बात यह है कि यह लम्बे समय तक आपके परिवार का खर्च चलाने लायक होना चाहिए। यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है। एक आम परिवार के लिए, कवरेज का परिमाण इतना तो होना ही चाहिए कि आपके मरने के बाद आपके परिवार की जरूरतें पूरी हो सकें और बच्चों की पढ़ाई का खर्च चल सकें। इसके लिए आम तौर पर अपने मौजूदा सालाना इनकम का 10 से 20 गुना कवरेज वाला इंश्योरेंस लेना ठीक रहेगा।

लक्ष्य निर्धारण
इस लॉकडाउन से हमें अपने फाइनेंस से जुड़ी चीजों के बारे में सोचने के लिए काफी समय मिला है। आइए इस समय का इस्तेमाल अपने जीवन के लिए सच में जरूरी कहलाने लायक अपने लक्ष्यों का पता लगाने और उन्हें पूरा करने का तरीका ढूंढने के लिए करें। एक फाइनेंसियल लक्ष्य के लिए आपको एक टारगेट फिक्स करना होगा, उसे पूरा करने के लिए कितना पैसा लगेगा, आपके पास उसे पूरा करने के लिए कितना समय बचा है, उसके लिए कौन-सा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन ठीक होगा, इस इन्वेस्टमेंट के लिए आप हर महीने कितना पैसा अलग रख सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, आपने अनुमान लगाया है कि आपको आराम से रिटायर होने के लिए 30 साल में 3.5 करोड़ रुपए की जरूरत है। हिसाब लगाने पर आप पाते हैं कि 12% का CAGR देने वाले म्यूच्यूअल फंड स्कीम में 30 साल तक हर महीने 10,000 रुपए इन्वेस्ट करने पर आपका लक्ष्य पूरा हो जाएगा। आपको ऐसे कई लक्ष्यों की पहचान करनी होगी और उन पर काम शुरू करना होगा। यह कोई आसान काम नहीं है लेकिन आपको इसे करना ही होगा। जरूरत पड़ने पर आप वीडियो कॉल पर किसी प्रोफेशनल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह भी ले सकते हैं।

हर तरह के मौसम के लिए पोर्टफोलियो
हाल के सप्ताहों में कई निवेशकों को मायूसी झेलनी पड़ी है। इक्विटी में भारी गिरावट आई है। इंटरेस्ट रेट काफी कम हो गए हैं। सोने को बेचने की सनक भी बढ़ गई है। मौजूदा संकट के दौरान रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट से लाभ कमाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। तो आपको हर तरह के मौसम के लिए एक परफेक्ट पोर्टफोलियो कैसे तैयार करना चाहिए? अलग-अलग व्यक्ति के लिए एक सही पोर्टफोलियो का ढांचा अलग-अलग होता है। यह उम्र, इनकम, जीवन के लक्ष्य, रिस्क उठाने की चाहत, लिक्विडिटी या पैसे की जरूरत, इत्यादि जैसी कई बातों पर निर्भर करता है। आपको वही करना चाहिए जो आपके और आपके जीवन के लक्ष्यों के लिए सही है। अधिकांश इन्वेस्टर्स को तुरंत पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए डिपोजिट, लम्बे समय में पैसे को बढ़ाने के लिए इक्विटी, अपने निवास और सुरक्षा के लिए रियल एस्टेट, अनिश्चितता के समय के लिए सोना, सुनिश्चित रिटर्न और पैसे की सुरक्षा के लिए सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट स्कीम्स, और हेल्थ और लाइफ रिस्क से सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस, जैसे प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट करने पर लाभ होगा। आपकी अनोखी जरूरतों के अनुसार एक सही अनुपात में ये ऑप्शंस, अधिकांश आर्थिक परिस्थितियों में आपके लिए लाभदायक होंगे।

अपना इनकम टैक्स सिस्टम चुनने का समय
एक अप्रैल से एक नया, ऑप्शनल इनकम टैक्स सिस्टम शुरू हो रहा है। अब आपके पास अपने अधिकांश टैक्स डिडक्शन बेनिफिट को छोड़कर कम दर पर टैक्स भरने या डिडक्शन का लाभ उठाते हुए पुरानी दर से टैक्स भरने का ऑप्शन है। आपको यह जरूर पता लगा लेना चाहिए कि कौन-सा ऑप्शन आपके लिए सबसे अच्छा है। इसके लिए, आपको इस साल के लिए अपनी इनकम की उम्मीद के आधार पर दोनों टैक्स सिस्टम की तुलना करनी पड़ेगी। डिडक्शन के लिए क्लेम करना एक अच्छा ऑप्शन है। इनकम टैक्स एक्ट में कुछ ऐसे डिडक्शन की सुविधा भी है जिनका लाभ टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदे बिना भी उठाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आपको किराया, बच्चों की ट्यूशन फीस, सुयोग्य हेल्थकेयर खर्च, और पीएफ कटौती जैसे खर्च के लिए डिडक्शन बेनिफिट मिलता है। हो सकता है कि आपने कोई होम या एजुकेशन लोन लिया हो जिस पर और ज्यादा डिडक्शन मिल सकता है। इसलिए, अपने विभिन्न डिडक्शन की लिस्ट बनाएं और हिसाब करके देखें कि क्या उन डिडक्शन बेनिफिट को छोड़ना उचित होगा। अपनी फाइनेंसियल स्टेबिलिटी, आपदा की तैयारी, और अपने भावी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, आपको ये कदम उठाने की जरूरत है जो पहले कभी इतना जरूरी नहीं रहा है।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।