- वाणिज्य मंत्रालय ने राज्यों की ईज ऑफ डूइंग की रैंकिंग की जारी
- आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर बरकरार, यूपी 12वें नंबर से सीधे नंबर 2 पर पहुंचा
- पूरी प्रक्रिया का मकसद राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और निवेशकों को आकर्षित करना है
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय शनिवार को राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता (ईज ऑफ डूइंग) रैंकिंग जारी कर दी है। इस बार आंध्र प्रदेश ने एक बार फिर पहला स्थान हासिल किया है । उत्तर प्रदेश इस लिस्ट में बड़ी छलांग लगाई है और सीधे 12वें नंबर से दूसरा नंबर हासिल किया है, यानि सीधे 10 अंकों की छलांग लगाई है। दरअसल हाल के महीनों में योगी सरकार ने श्रम कानूनों से लेकर कारोबार संबंधी कानूनों में कई तरह के सकारात्मक बदलाव किए हैं और उसी का असर है कि यूपी ने इस लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया है।
वित्त मंत्री ने की राज्यों की तारीफ
वित्त मंत्री ने इस अवसर पर कहा, 'कुछ राज्यों ने एक्शन प्लान को एक साथ रखने और सुधार सुनिश्चित करने के लिए असाधारण ऊर्जा दिखाई है। राज्यों ने राज्य व्यापार सुधार कार्य योज के पीछे की सच्ची भावना को अपनाया है।' वित्त मंत्री ने बताया कि ये रैंकिंग का चौथा संस्करण है जिसे साल 2019 के लिए जारी की किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
योगी ने जताई खुशी
रैंकिंग में दूसरा स्थान मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी जताते हुए ट्वीट कर कहा, 'पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी के 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को साकार करने हेतु यूपी सरकार सतत प्रयासरत है। उत्तर प्रदेश द्वारा 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग' में गत वर्ष 12वें स्थान के सापेक्ष, इस वर्ष द्वितीय स्थान प्राप्त करना, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। सभी प्रदेशवासियों को बधाई।'
पिछली बार 12वें नंबर पर था यूपी
इस लिस्ट में आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर है जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। 2017-18 में यूपी की रैंकिग 12वीं थी। वहीं तेलंगाना तीसरे, मध्य प्रदेश चौथे, झारखंड पांचवे, छत्तीसगढ़ छठे, हिमाचल प्रदेश सातवें और राजस्थाना 9वें नंबर पर है। इस पूरी प्रक्रिया का मकसद राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना और घरेलू तथा वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कारोबारी माहौल को सुधारना है।
इस आधार पर होती है रैंकिग
राज्यों को रैंकिंग कई मानकों मसलन निर्माण परमिट, श्रम नियमन, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंच, जमीन की उपलब्धता तथा एकल खिड़की प्रणाली के आधार पर दी जाती है। कारोबार सुधार कार्रवाई योजना के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए इस प्रकिया को पूरा करता है। पिछली रैंकिंग जुलाई, 2018 में जारी हुई थी।