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केंद्रीय श्रमिकों का वैरिएबल महंगाई भत्ता बढ़ा, 1.5 करोड़ से अधिक कामगारों को होगा फायदा

Updated May 22, 2021 | 00:08 IST

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने केंद्रीय कामगारों के वैरिएबल डीए बढ़ाने का ऐलान किया। इससे 1.5 करोड़ से अधिक श्रमिकों को फायदा होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
केंद्रीय श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ा

कोरोना काल में लोगों की आमदनी कम हो गई है। लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। ऐसे श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने केंद्रीय कामगारों के वैरिएबल महंगाई भत्ता बढ़ाने फैसला किया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को केंद्रीय सेक्टर में 1.5 करोड़ से अधिक कामगारों के परिवर्तनीय महंगाई भत्ता (वैरिएबल डीए) 105 रुपए से बढ़ाकर 210 रुपए प्रति महीना करने का ऐलान किया। यह वृद्धि 01 अप्रैल, 2021 से लागू होगी। इससे केंद्रीय क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों और कामगारों का न्यूनतम वेतन की दर में भी वृद्धि होगी।

यह केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े कर्मचारियों के लिए है। अनुसूचित रोजगार के लिए निर्धारित दरें केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले रेलवे प्रशासन, खदानों, तेल क्षेत्रों, प्रमुख बंदरगाहों या केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किसी भी निगम के प्राधिकरण के तहत प्रतिष्ठानों पर लागू होती हैं। ये दरें ठेके और अस्थायी दोनों तरह के कर्मचारियों/कामगारों के लिए भी समान रूप से लागू होती हैं। 

वैरिएबल डीए में संशोधन के लिए जुलाई से दिसंबर 2020 के औसत सीपीआई-आईडब्ल्यू का उपयोग किया गया है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इस कदम से देश के उन करीब 1.50 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा जो केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े हैं। वैरिएबल डीए में बढ़ोतरी से उन्हें इस महामारी के मुश्किल वक्त में मदद मिलेगी।

इस बारे में मुख्य श्रम आयुक्त डी पी एस नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 105 रुपए से बढ़ाकर 210 रुपए महीना किया गया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि उसने संशोधित वैरिएबल डीए एक अप्रैल, 2021 से अधिसूचित किया है।

बयान के अनुसार इससे केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े कामगारों को ऐसे समय लाभ होगा जब देश कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। वैरिएबल डीए औद्योगिक कर्मचारियों के लिए औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर संशोधित किया जाता है। इसका संकलन श्रम ब्यूरो करता है।

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