नई दिल्ली : भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। ब्रिटेन उच्च न्यायालय से माल्या को झटका मिला है। माल्या ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ फैसले को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है। आवेदन खारिज हो जाने के बाद माल्या अब फिलहाल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा पाएंगे। हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो जाने के बाद माल्या के प्रत्यर्पण की राह बहुत हद तक आसान हो गई है।
समझा जाता है कि माल्या को भारत लाने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की टीमें शीघ्र ब्रिटेन के लिए रवाना हो सकती हैं। हालाकि, माल्या के प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला ब्रिटेन का गृह विभाग करेगा। माल्या प्रत्यर्पण से राहत पाने के लिए गृह विभाग के न्याय मंत्री से गुहार लगा सकते हैं। गृह विभाग को यदि लगता है कि व्यक्ति को अपील के लिए एक और मौका मिलना चाहिए तो वह अपीलकर्ता का एक और मौका दे सकता है। लेकिन माल्या के प्रत्यर्पण से जुड़ी कार्यवाहियों को देखने से लगता है कि भारत जल्द ही भगोड़े माल्या को स्वदेश लाने में कामयाब हो जाएगा।
यह अर्जी खारिज हो जाने के बाद प्रत्यर्पण से राहत पाने के माल्या के कानूनी विकल्प अब करीब-करीब समाप्त हो गए हैं। कानूनी जानकारी मानते हैं कि माल्या अब राहत पाने के लिए यूरोपीय संघ के मानवाधिकार विभाग के समक्ष जा सकते हैं। बता दें कि इससे पहले माल्या ने भारत सरकार से अपने खिलाफ सभी केस बंद करने का अनुरोध किया है।