अगर कोई व्यक्ति पीपीएफ आय में अपना योगदान बढ़ाना चाहता है और टैक्स लाभ भी प्राप्त करता है। अगर वह शादीशुदा है तो उसे एक फायदा यह है कि वह अपनी पत्नी के पीपीएफ खाते में 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकता है। गौर हो कि एक व्यक्ति अपने पीपीएफ खाते में एक वर्ष में 1.5 लाख रुपए से अधिक का निवेश नहीं कर सकता है।
आयकर अधिनियम की धारा 64 के अनुसार आपके द्वारा आपकी पत्नी को उपहार में दी गई राशि या संपत्ति पर किसी भी आय को आपकी की आय में जोड़ा जाएगा। लेकिन पीपीएफ के मामले में यह पूरी तरह से टैक्स फ्री है, क्लबिंग प्रोविजन के परिणामस्वरूप कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। फिर भी, जब भविष्य में पत्नी के पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी पूरी होगी तब आपकी पत्नी के पीपीएफ खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में साल दर साल जोड़ा जाएगा।
इसलिए, यह विकल्प शादीशुदा व्यक्ति को पीपीएफ खाते में अपना योगदान बढ़ाने का अवसर देता है। यह भी सलाह दी जाती है कि किसी विशेष वर्ष के लिए उसकी 80 सी की सीमा समाप्त हो जाए और ब्याज मुक्त आय अर्जित करने की इच्छा हो, तो कोई अपने जीवनसाथी के लिए पीपीएफ खाता खोलने पर विचार कर सकता है। गौर हो कि निवेशों पर धारा 80 सी के तहत कुल आयकर छूट 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष के दायरे में बनी रहेगी।
यह विकल्प उन लोगों के लिए एक सर्वोत्तम सलाह हो सकती है जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और वे एनपीएस, म्यूचुअल फंड जैसे बाजार से जुड़े उपकरणों में निवेश नहीं करना चाहते हैं वर्तमान में पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1% है।