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Clone train : क्लोन ट्रेन क्या है? जिस पर वेटिंग लिस्ट यात्री करेंगे सफर, मिलेगा कंफर्म बर्थ

Updated Sep 08, 2020 | 14:21 IST

Clone train : वेटिंग लिस्ट यात्रियों को ट्रेनों में कंफर्म बर्थ मिले इसके लिए भारतीय रेलवे ने क्लोन ट्रेन चलाने का फैसला किया है। जानिए आखिर ये है क्या?

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
भारतीय रेलवे चलाएगा क्लोन ट्रेन

Clone train : वेटिंग लिस्ट यात्रियों को राहत देने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) उन रूटों पर स्पेशल 'क्लोन ट्रेन' (Clone train) चला सकता है। जिन रूटों पर पैसेंजरों की संख्या का काफी अधिक होती है। भारतीय रेलवे अगले 15 दिनों में इन क्लोन ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है और उसी के बारे में एक नोटिफिकेशन जारी करेगा। एक मीडिया ब्रीफिंग में, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि रेलवे उन सभी ट्रेनों की निगरानी करेगा जो वर्तमान में परिचालन में हैं यह निर्धारित करने के लिए कि किन ट्रेनों की लंबी वेटिंग लिस्ट है। 

वीके यादव ने कहा कि जहां भी स्पेशल ट्रेन की मांग है, वहां वेटिंग लिस्ट लंबी है, हम एक्चुअल ट्रेन के आगे एक क्लोन ट्रेन चलाएंगे, ताकि पैसेंजर यात्रा कर सकें। वीके यादव ने कहा कि क्लोन ट्रेनों का स्टॉपेज स्पेशल ट्रेनों से कम होगा। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग को पूरा करने के लिए क्लोन ट्रेनों के लिए प्रमुख स्टेशनों पर स्टॉपेज का विचार है।

क्लोन ट्रेन (clone train) क्या है?

एक क्लोन ट्रेन वह ट्रेन होगी जो वास्तविक ट्रेन की तरह ही सेम नंबर के साथ चल रही होगी। उदाहरण के लिए नई दिल्ली-पटना राजधानी एक्सप्रेस जिसका नंबर 12536/12537 है, उसमें सभी सीटें रिजर्वड हो गई हैं। लेकिन उसमें वेटिंग यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है। तो उस स्थिति में, भारतीय रेलवे उसी नंबर वाली राजधानी एक्सप्रेस का एक और ट्रेन लगा देगी, ताकि वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को ले जाया जा सके। ओरिजिनल शेड्यूल ट्रेनों के आरक्षण चार्ट तैयार किए जाने के बाद तुरंत बाद वेटिंग लिस्ट यात्रियों को क्लोन ट्रेन में उनके बर्थ के बारे में सूचित किया जाएगा। ओरिजिनल शेड्यूल ट्रेनों के आरक्षण चार्ट डिपार्चर से 4 घंटे पहले तैयार किया जाएगा।

क्लोन ट्रेन (clone train) के लिए भारतीय रेलवे के सामने चुनौती

हालांकि, यह रेलवे के लिए एक लॉजिस्टिकल चुनौती होगी क्योंकि इसके लिए क्लोन ट्रेन चलाने के लिए अतिरिक्त रेक की आवश्यकता होगी। भारतीय रेलवे शुरू में प्रमुख शहरों से इस प्रकार की ट्रेनों को चलाने की कोशिश करेगी जहां एक्स्ट्रा रेक हैं। साथ ही भारतीय रेलवे को अपने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) को अपग्रेड करना होगा। वर्तमान में भारतीय रेलवे स्लीपर क्लास में 400, 3AC या चेयर कार में 300, फर्स्ट क्लास में 30 और सेकेंड क्लास में 100 का आंकड़ा छूने के बाद ट्रेन टिकट की बुकिंग को निष्क्रिय कर देता है

भारतीय रेलवे पहले से ही चला रहा है विकल्प स्कीम

भारतीय रेलवे पहले से ही 'विकल्प स्कीम' चला रहा है, जहां यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेन में टिकट बुक करने का विकल्प दिया जाता है, यदि उनके वेटिंग टिकट को उस ट्रेन में पक्का नहीं किया जाता है, जिस ट्रेन को उन्होंने चुना था। हालांकि 'विकल्प स्कीम' की एक बड़ी खामी यह है कि यदि किसी अन्य ट्रेन में उसे रिजर्वेशन दिया जाता है तो यात्री का यात्रा समय बढ़ सकता है। 

मिंट के मुताबिक एक सीनियर सरकारी अधिकारी के मुताबिक इन डुप्लिकेट ट्रेनों को पेश करने का यह एक उपयुक्त समय है क्योंकि भारतीय रेलवे अब सटीक डिमांड पर अधिक स्पष्टता रखेगा, जिसके आधार पर वह इन ट्रेनों के लिए प्रोडक्टिव रूट प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने कहा कि एसेट्स को बेकार रखने के बजाय रूट पर गाड़ियां चलाना बेहतर है। जहां अधिक डिमांड है। हमने पहले इसे लागू करने की कोशिश की, लेकिन पर्याप्त रास्त उपलब्ध नहीं था रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डीजे नारायण ने बताया कि क्लोन ट्रेनें मुख्य रूप से 3AC ट्रेनें होंगी और पहले से संचालित स्पेशल ट्रेनों से आगे चलेंगी। संभावित यात्रियों के लाभ के लिए क्लोन ट्रेनों के संचालन को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा। रूटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

 

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