- दुनिया के प्रमुख हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक करके दान में बिटकॉइन की मांग की जा रही थी
- बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है
- बिटकॉइन किसी एक देश की करेंसी नहीं है। तो यह क्या है? नीचे आप विस्तार से पढ़ सकते हैं
What is bitcoin: माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स, अरबपति कारोबारी एलन मस्क समेत दुनिया के कई हाइप्रोफाइल लोगों के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए। हैकर्स इन ट्विटर अकाउंट्स के जरिए क्रिप्टोकरेंसी 'बिटकॉइन' में लोगों से दान करने की अपील कर रहे हैं। आइए जानते हैं आखिर यह है क्या?
बिटकॉइन करेंसी क्या है?
जैसा कि हम जानते हैं सभी देशों की अपनी करेंसी होती है। अपने देश भारत की करेंसी रुपया है। उसी तरह दूसरे देश की भी करेंसी होती है और वह उस देश के केंद्रीय बैंक से रेगुलेट होता है। इससे ठीक उलट बिटकॉइन किसी एक देश की करेंसी नहीं है। यह एक डिजिटल करेंसी है। यह किसी एक देश के लिए नहीं होती है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं। जो क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करती है। इस करेंसी को डिजिटल तरीके से बनाया गया है। हालांकि हम इसके जरिए कोई भी चीज खरीद सकते हैं। इसकी ट्रेडिंग भी होती है। इसे बेचकर पैसा कमा सकते हैं।
सरकार जारी नहीं करती बिटकॉइन जैसी करेंसी
दुनिया में बिटकॉइन जैसी कई और डिजिटल करेंसी है। लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसका डुप्लिकेट तैयार नहीं कर सकता है यानी कोई इसकी नकल नहीं कर सकता है। मजेदार बात यह है कि इसका कोई रेगुलेटर नहीं है क्योंकि इस करेंसी को कोई सरकार जारी नहीं करती है। इसलिए इन करेंसी पर किसी का अधिकार नहीं है। हालांकि इसे किसी भी देश में भुगतान के विकल्प के तौर पर खर्च किया जा सकता है।
बिटकॉइन करेंसी से ये है नुकसान
बिटकॉइन करेंसी से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी। इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं।
बिटकॉइन की तरह 1000 करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं है इसकी जैसी करीब 1000 करेंसी है। नेम कॉयन, रिपल, इथेरम, एनईएम, लाइट कॉयन, इथेरम क्लासिक, डेश, मोनेरो, जेड कैश और पीपी कॉयन जैसी 1000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।
बिटकॉइन के लेनदेन ट्रैक नहीं कर सकते
बिटकॉइन जैसी कैरेंसी को गुप्त रखा जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल घोटाले, टैक्सचोरी, मनी लॉन्डरिंग में भी होता है। क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है यानी यह पता नहीं लगाया जा सकता कि कौन किसको दिया है।