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Loan Tips : अपने लोन को खराब कर्ज में बदलने से रोकने लिए क्या करें और क्या न करें

Updated Nov 23, 2020 | 16:31 IST

किसी लोन के लिए अप्लाई करने से पहले, अपनी योग्यता के आधार पर मार्केट में विभिन्न लोन ऑफरों की तुलना करें। होम लोन, एजुकेशन लोन या कार लोन जैसे बड़े लोन के इंटरेस्ट रेट में जरा सा अंतर भी बहुत बड़ा अंतर ला सकता है

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
लोन लेने से पहले ये भी जानें

कई वजह से आपका उधार, खराब कर्ज में बदल सकता है। उधार के पैसे से आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं, वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं, और किसी इमरजेंसी से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन, समय पर कर्ज न चुकाने पर, आपका फाइनेंशियल बोझ बढ़ सकता है और फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है। इस तरह का उधार अक्सर खराब कर्ज में बदल जाता है जिससे आपके फाइनेंस पर बुरा असर पड़ सकता है। आपकी रीपेमेंट क्षमता, आपके लोन की समय-सीमा, आपके उधार की लागत और आपके लोन के नियम एवं शर्तें, इत्यादि एक खराब कर्ज से बचने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

करें: कम लोन इंटरेस्ट रेट और मिनिमम चार्ज के लिए मोलभाव करें

एक लोन के लिए अप्लाई करने से पहले, अपनी योग्यता के आधार पर मार्केट में विभिन्न लोन ऑफरों की तुलना करें। होम लोन, एजुकेशन लोन या कार लोन जैसे बड़े लोन के इंटरेस्ट रेट में जरा सा अंतर भी बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। अधिकांश उधारदाता, लोन की प्रकृति के आधार पर इंटरेस्ट रेट के अलावा, प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन फीस, भी लेते हैं जिससे आपका लोन बोझ बढ़ सकता है। इसलिए, लोन लेने से पहले, अपने उधारदाता के साथ इंटरेस्ट रेट और अन्य चार्ज को कम करने के लिए मोलभाव करें। इससे काफी पैसे बच सकते हैं और आपकी ईएमआई का बोझ भी कम रहेगा।

करें: समय पर लोन चुकाएं

आपको एक ही समय में कई महत्वपूर्ण फाइनेंशियल देनदारियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, आपको नॉन-इमरजेंसी के दौरान अन्य सभी देनदारियों से ज्यादा कर्ज चुकाने पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा इंटरेस्ट वाले कर्ज जैसे क्रेडिट कार्ड ड्यू और पर्सनल लोन ईएमआई को ठीक से मैनेज न करना बहुत महंगा साबित हो सकता है। कम्पाउंडिंग इफेक्ट के कारण, इस तरह के लोन के कुछ इंस्टालमेंट्स भी मिस करने पर आपका कर्ज कई गुना बढ़ सकता है। फाइनेंशियल डिसिप्लिन के साथ समय पर कर्ज चुकाते रहने से खराब कर्ज से बचने में काफी मदद मिल सकती है।

करें: सीयूआर को 30% से कम रखें

आपका क्रेडिट कार्ड प्रदाता आपके रीपेमेंट इतिहास और इनकम ग्रोथ को देखते हुए आपके क्रेडिट कार्ड का क्रेडिट लिमिट धीरे-धीरे बढ़ा सकता है। लेकिन, यह बढ़ा हुआ क्रेडिट लिमिट, अंधाधुंध खर्च करने का लाइसेंस नहीं है। वास्तम में, आपको अपने टोटल क्रेडिट कार्ड खर्च या क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) को अपने टोटल क्रेडिट लिमिट के 30% से कम रखना चाहिए। यदि आपके क्रेडिट कार्ड का लिमिट 1 लाख रुपये है तो आपको उससे हर महीने 30,000 रुपये से कम खर्च करना चाहिए। सीयूआर ज्यादा होने पर, क्रेडिट कार्ड ड्यू को समय पर पूरी तरह चुकाने में परेशानी होने के साथ-साथ आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, ऐसा करने से आपके कार्ड के बकाए पर चूक होने की और खराब कर्ज पैदा होने की संभावना कम हो जाएगी।

न करें: फाइन-प्रिंट पढ़े बिना उधार न लें

उधारदाता, लोन सम्बन्धी महत्वपूर्ण विवरणों का उल्लेख अक्सर लोन अग्रीमेंट के फाइन-प्रिंट में करते हैं। फाइन-प्रिंट को न पढ़ना, उधारकर्ता के लिए बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है। लोन अग्रीमेंट में प्रीपेमेंट चार्ज, पेनाल्टी, रेट संशोधन सम्बन्धी शर्तों, और कई अन्य महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख रहता है। इसलिए, अपने उधारदाता के साथ लोन अग्रीमेंट पर साइन करने से पहले फाइन-प्रिंट को ध्यान से पढ़ना न भूलें।

न करें: अपनी रीपेमेंट क्षमता से ज्यादा उधार न लें

अपनी वास्तविक जरूरत से बड़े लोन के लिए अप्लाई करना, लोगों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। बाद में, जब उन्हें समझ आता है कि वे उसे चुका नहीं पाएंगे तो वे डिफ़ॉल्ट कर जाते हैं। इससे बचने के लिए, आपको यह देख लेना चाहिए कि आप समय पर अपना लोन चुका सकते हैं या नहीं। लोन अमाउंट को कम रखकर आप ऐसा कर सकते हैं ताकि आप अन्य महत्वपूर्ण फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ-साथ अपनी ईएमआई भी दे सकें। आपको एक इमरजेंसी फंड भी तैयार करके रखना चाहिए जिसमें कम-से-कम छः ईएमआई देने लायक पैसे हों ताकि इनकम बंद होने पर उससे काम चलाया जा सके।

न करें: पहले से एक बड़ा कर्ज होने पर भी एक नया लोन न लें

बड़े कर्ज के लिए बड़ी प्लानिंग और ज्यादा रीपेमेंट डिसिप्लिन की जरूरत पड़ती है। यदि आप वर्तमान में एक बड़ा लॉन्ग-टर्म लोन चुका रहे हैं तो आपको एक नया लोन लेने से पहले बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। आपको सबसे पहले यह पता लगाना चाहिए कि आपकी मौजूदा रीपेमेंट देनदारियों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण फाइनेंशियल जिम्मेदारियों पर नए लोन की ईएमआई का कैसा असर पड़ेगा। आदर्श रूप में, एक महीने में आपकी कुल कर्ज देनदारी, आपकी मासिक घरेलू इनकम के 40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

यदि आप इनकम बढ़ने के कारण अपने मौजूदा लोन के बावजूद एक नया लोन लेने जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले यह देखना चाहिए कि एक नया लोन लेना बेहतर होगा या अपने मौजूदा लोन को क्लोज या प्री-क्लोज करना? कई छोटे-छोटे लोन लेने की तुलना में, एक बड़ा लोन लेना बेहतर होता है क्योंकि कई छोटे-छोटे लोन पर नजर रखना और चुकाना कठिन हो सकता है लेकिन एक बड़े लोन को चुकाना आरामदायक हो सकता है।

संक्षेप में, एक लोन, आपके लक्ष्यों को पूरा करने और कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने में काफी मददगार साबित हो सकता है लेकिन तभी जब आप समय पर उसका पूरा रीपेमेंट करेंगे। मुझे उम्मीद है कि इन उपायों से आपके अन्दर फाइनेंशियल डिसिप्लिन आएगी और आप अपने लोन को एक ख़राब कर्ज में बदलने के बड़े जोखिम को रोक पाएंगे।

इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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