- विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए भारतविकास के अनुमान को 8.3 फीसदी पर बरकरार रखा।
- भारत में दूसरी लहर से हुई आर्थिक क्षति पहले से ठीक हो गई है।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड-19 की चुनौती, मुद्रास्फीति एवं नीतिगत अनिश्चितता का सामना कर रही है।
नई दिल्ली। विश्व बैंक (World Bank) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) के लिए वित्त वर्ष 2022 के विकास के अनुमान को 8.3 फीसदी पर बरकरार रखा और वित्त वर्ष 2023 के लिए इसे 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 8.7 फीसदी कर दिया। वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता द्वारा जारी वैश्विक आर्थिक संभावनाओं के अपने नवीनतम इश्यू में वित्त वर्ष 2023-24 के पूर्वानुमान को 6.8 फीसदी पर रखा। यह निजी क्षेत्र और बुनियादी ढांचे से उच्च निवेश को दर्शाता है।
विश्व बैंक ने कहा कि भारत में दूसरी लहर से हुई आर्थिक क्षति पहले से ठीक हो गई है और उत्पादन प्रभावी रूप से महामारी के पहले के स्तर पर वापस आ गया है। हालांकि, व्यापार और होटल जैसे क्षेत्र अभी भी पूर्व-महामारी के स्तर से नीचे हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए घटाया परिदृश्य
विश्व बैंक ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बढ़ते मामलों, सरकारी आर्थिक समर्थन में कमी और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में मौजूद गतिरोधों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपना परिदृश्य घटा दिया है। दुनिया के 189 देशों के संगठन विश्व बैंक ने कहा कि वर्ष, 2022 में वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि जून, 2021 में उसने इसके 4.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। यह पूर्वानुमान वर्ष, 2021 में वैश्विक वृद्धि के 5.5 फीसदी के अनुमान से भी काफी कम है।
3.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है अमेरिकी अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के इस साल 3.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले साल के 5.6 फीसदी की तुलना में काफी कम है। इसी तरह 2021 में आठ फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज वाले चीन के 2022 में 5.1 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है। यूरोपीय देशों के समूह के इस साल सामूहिक तौर पर 4.2 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना विश्व बैंक ने जताई है जबकि पिछले साल यह 5.2 फीसदी थी। हालांकि, जापान की वृद्धि दर इस साल 2.9 फीसदी रह सकती है जो पिछले साल के 1.7 फीसदी से अधिक होगी।
विश्व बैंक के मुताबिक, उभरती अर्थव्यवस्थाओं एवं विकासशील देशों के वर्ष, 2022 में सामूहिक तौर पर 4.6 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है जबकि पिछले साल यह वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही।
(इनपुट एजेंसी- भाषा)