नई दिल्ली: यस बैंक के शेयर में भारी गिरावट पर बैंक ने सफाई दी है। यस बैं ने कहा है कि 1 अक्टूबर को उसके शेयर में आई 23 फीसदी की गिरावट 10 करोड़ गिरवी रखे शेयरों की 'जबरन बिक्री' के कारण आई। ये बैंक का 3.92 फीसदी हिस्सा है।
माइलस्टोन ट्रस्टीशिप सर्विस नाम की कंपनी गिरवी रखे शेयरों को बेच दिया। माइलस्टोन ट्रस्टीशिप ने सर्विस ने कहा कि वो वो मॉर्गन क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड के950 करोड़ के एनसीडी के ट्रस्टी हैं ने यस बैंक के शेयर बेचे जो कि राणा कपूर ने एनसीडी जारी करने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर दिए थे।
यस बैंक की पूंजी जुटाने की योजनाओं के बीच 1 अक्टूबर मंगलवार को शेयर के भाव में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई और भाव 32 रुपए प्रति शेयर तक पहुंच गया। यस बैंक का मार्केट कैप 8161 करोड़ रुपए पर आ गया।
यस बैंक ने एक बार फिर दोहराया है कि उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है। यस बैंक ने कहा है कि उसका लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो 125 फीसदी है। ये कानूनी तौर पर 100 फीसदी की लिमिट से ऊपर है।
यस बैंक के मुताबिक उसके ग्रॉस एडवांस 2.32 लाख करोड़ रुपए है। 30 जून तक एडवांस 2.42 लाख करोड़ था। वहीं 30 सितंबर तक बैंक के पास 2.09 लाख करोड़ रुपए के डिपॉजिट्स हैं। बैंक का कासा रेश्यो 30 जून 2019 के बाद बेहतर होकर 30.8 फीसदी हो गया है।