एक घर खरीदना कई भारतीयों के लिए जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है, जिसे वे किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते हैं, चाहे चुनौती जैसी भी हो, जैसे वर्तमान में हमारी अर्थव्यवस्था को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इच्छुक आम आदमी और औरत, उधार लेने के मामले में सावधानी बरतकर और अपने जीवन के सबसे बड़े सपने को हकीकत में बदलने की व्यावहारिक रणनीति को लागू करके, एक धीमी अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
वे महंगी प्रॉपर्टी को छोड़कर सस्ते घर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें अगले 20-30 साल में अपने भारी भरकम होम लोन को चुकाने की कोशिश में अपना सारा रिसोर्स खत्म करना न पड़े। हाल ही में बैंकबाजार द्वारा किए गए मनीमूड 2020 की रिपोर्ट में भी सबसे ज्यादा शायद यही प्रो-बजट होम ट्रेंड सामने आया है, जिससे पता चला है कि पिछले साल ऑनलाइन मार्केटप्लेस में होम लोन के लिए अप्लाई किए गए कुल होम लोन में से 72% होम लोन एप्लीकेशन 30 लाख रु. से छोटे होम लोन के लिए किए गए थे।
सस्ते घर का मतलब है कि लोन का बोझ कम रहेगा, डाउन पेमेंट भी कम करना पड़ेगा, और जल्दी से कर्ज चुकता हो जाएगा, और इसीलिए कई इच्छुक घर खरीदारों के लिए यह पहली पसंद बनता जा रहा है। इसके अलावा, सस्ते घर में इस बढ़ती दिलचस्पी के पीछे असल में और कई कारण हैं। पिछले कुछ साल तक, देश भर के डेवलपरों ने सरकार के '2022 तक सबके लिए घर' विजन के अनुसार बजट फ्रेंडली घर बनाने पर ध्यान दिया है।
इसके अलावा, प्रधान मंत्री आवास योजना, RERA क़ानून, एडिशनल टैक्स डिडक्शन बेनिफिट और महिला घर खरीदारों के लिए अन्य इनिशिएटिव्स में शामिल प्रेफरेंशियल रेट्स जैसे इनिशिएटिव के कारण अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को काफी मदद मिली है। लेकिन, पिछले साल लिक्विडिटी या पैसे की कमी के कारण मांग में गिरावट देखी गई थी जिसके परिणामस्वरूप तैयार मकानों की लिस्ट काफी लम्बी हो गई है जिसे बिल्डर्स सबसे पहले क्लियर करना चाहते हैं।
इन सभी कारणों की वजह से वर्तमान रियल एस्टेट सेक्टर, खरीदारों का बाजार बन गया है जिससे इच्छुक घर खरीदारों को अपना घर खरीदने के लिए सबसे अच्छा डील पाने का अच्छा मौका मिल रहा है। लेकिन, कई इच्छुक घर खरीदार, खास तौर पर जो लोग अपना पहला घर खरीदने की सोच रहे हैं, वे लोग बड़ी बेसब्री से 1 फरवरी को होने वाली यूनियन फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की बजट सम्बन्धी स्पीच का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि वह दो-चार महत्वपूर्ण समय सीमा को बढ़ाने की घोषणा कर सकती है।
1. PMAY की समय सीमा में विस्तार
PMAY-अर्बन के मुख्य लाभों में से एक लाभ, कम और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के, पहली बार घर खरीदने वाले खरीदारों को दी गई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) रही है। CLSS के तहत, योग्य घर खरीदारों को होम लोन इंटरेस्ट रीपेमेंट के मामले में 2.67 लाख रु. तक की अपफ्रंट सब्सिडी मिलती है, जिससे उनके लोन का बोझ काफी कम हो सकता है।
CLSS स्कीम को अलग-अलग योग्यता शर्तों और लाभ सीमा के साथ चार आय वर्गों में लागू किया जाता है: EWS यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (जिनके परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रु. से कम है), LIG यानी कम आय समूह (जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 3 से 6 लाख रु. है), MIG-I यानी मध्यम आय समूह-I (जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 6 से 12 लाख रु. है) और MIG-II यानी मध्यम आय समूह-II (जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 12 से 18 लाख रु. है)।
लेकिन, EWS और LIG केटेगरी के लोगों को 31 मार्च 2022 तक CLSS का लाभ मिल सकता है लेकिन MIG-I और MIG-II केटेगरी के लोगों को सिर्फ 31 मार्च 2020 तक ही इस स्कीम का लाभ मिल सकता है। इसलिए, MIG-I और MIG-II केटेगरी के अंतर्गत आने वाले, पहली बार घर खरीदने के इच्छुक और सस्ते मकान ढूंढने वाले घर खरीदारों को उम्मीद है कि सरकार अपने बजट 2020 में PMAY की अंतिम समय सीमा को बढ़ाने का ऐलान कर सकती है ताकि उन्हें CLSS का लाभ उठाने के लिए और ज्यादा समय मिल सके।
2. 80EEA के तहत मिलने वाले टैक्स-डिडक्शन बेनिफिट की समय सीमा में विस्तार
अपने बजट 2019 स्पीच में, फाइनेंस मिनिस्टर सीतारमण ने योग्य घर खरीदारों के लिए होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट्स पर सेक्शन 80EEA के तहत 1.5 लाख रु. तक का एक्स्ट्रा टैक्स डिडक्शन बेनिफिट देने का ऐलान किया था। यह बेनिफिट, होम लोन लेने वाले सभी उधारकर्ताओं को सेक्शन 24B के तहत इंटरेस्ट पेमेंट पर मिलने वाले 2 लाख रु. तक और सेक्शन 80C के तहत प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर मिलने वाले 1.5 लाख रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट के अलावा अलग से मिलता है।
80EEA के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाने के लिए कुछ योग्यता सम्बन्धी आवश्यक शर्तों को पूरा करना पड़ता है: यह सिर्फ उन्हीं पहली बार घर खरीदने वाले घर खरीदारों को मिलता है जिनका लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच सैंक्शन हुआ है और जिनकी प्रॉपर्टी का वैल्यू, स्टाम्प ड्यूटी के अनुसार 45 लाख रु. से अधिक नहीं है। इसके अलावा, मेट्रो शहरों में स्थित मकानों का कारपेट एरिया, 645 वर्ग फीट के भीतर और अन्य स्थानों में स्थित मकानों का कारपेट एरिया 968 से कम होना चाहिए।
लेकिन, सेक्शन 80EEA के तहत इस एडिशनल टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का लाभ उठाने के लिए ऊपर बताए गए सभी योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले इच्छुक घर खरीदारों को यही उम्मीद होगी कि सरकार अपने बजट में इसकी अंतिम समय सीमा को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर आगे कर सकती है। यह मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए बहुत सराहनीय कदम होगा क्योंकि इस एडिशनल टैक्स बेनिफिट से उन्हें होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट्स के मामले में और ज्यादा पैसे बचाने में मदद मिलेगी जो एक लोन रीपेमेंट पीरियड के शुरूआती कुछ सालों में काफी अधिक होता है।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।)