नई दिल्ली: मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी को पेश करने वाली है। इस बजट में टैक्स कट की उम्मीद की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार से जुड़े सूत्रों और अर्थशास्त्रियों ने बताया है कि नरेंद्र मोदी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ा सकती है और पर्सनल टैक्स में बजट 2020-21 में कटौती का ऐलान कर सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले एक 10 के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। देश की आर्थिक विकास दर जुलाई सितंबर तिमाही में गिरकर 4.5 फीसदी हो गई है।
पिछले साल कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति आसान करने के बाद भी निवेश में बढ़ोतरी नहीं हुई। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बजट में होने वाली प्रोत्साहन घोषणाओं और रोड, रेलवे और ग्रामीण वेलफेयर में खर्च बढ़ाने के बाद ही आर्थिक वृद्धि को दोबारा पटरी पर लाया जा सकता है।
बता दें कि बजट 2020-21 इस शनिवार को पेश होगा। कैपिटल इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री शीलान शाह ने बताया कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती और सरकार के खिलाफ बनते माहौल के कारण सराकर इस बजट में लोकलुभान घोषणाएं कर सकती है। उन्होंने बताया, 'इससे आने वाली तिमाही में अर्थव्यवस्था में थोड़ी तेजी नजर आएगी।'
गौरतलब है कि इस महीने आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड) ने देश की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया। आईएमएफ का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि 5.8 फीसदी पहुंच जाएगी। इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी के अनुमान को घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरी बजट पेश करेंगी।