- मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के मेरठ में मौजूद है हस्तिनापुर
- पौराणिक ग्रंथ महाभारत और रामायण में भी मिलता है जिक्र
- सरकार ने किया धरोहर को विरासत स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान
नई दिल्ली: हस्तिनापुर मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में है। यह जगह सिर्फ जमीन का टुकड़ा मात्र नहीं है बल्कि इसमें वो विरासतें छिपी हुई हैं जिसका जिक्र महाभारत काल में हुआ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस जगह का संबंध पांडवों और कौरवों से जुड़ा है। 8 साल के लंबे काल खंड में यह जगह उन्नति अवनति के दौर का गवाह रही है, लेकिन अब 21वीं सदी के भारत की नजर हस्तिनापुर पर इनायत है। बजट 2020 में वित्त मंत्री ने इस धरोहर को विरासत स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि संस्कृति एवं पर्याटन के बारे में संस्कृति मंत्रालय के तहत एक भारतीय विरासत एवं संरक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी, जिसे मान्य विश्वविद्यालय का दर्जा होगा। पांच धरोहर स्थलों – राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात) और अदिचनल्लूर (तमिलनाडु) को स्थानिक संग्रहालयों सहित प्रतिमान स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।
इनमें से हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले का एक शहर है। हिंदू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में मिले वर्णन के अनुसार कुरु साम्राज्य की राजधानी के रूप में इसकी पहचान रही है और साथ ही इस शहर का उल्लेख प्राचीन जैन ग्रंथों में भी मिलता है।
हस्तिनापुर का इतिहास- संस्कृत शब्द हस्तिनापुर का अर्थ है- हाथियों का शहर: हस्तिना (हाथी) + पुरम (शहर)। इसका इतिहास महाभारत के काल का है।कई दावे बताते हैं कि इस शहर का नाम राजा हस्ति के नाम पर रखा गया था। हस्तिनापुर को अन्य नामों से भी पुकारा गया है, जैसे अलग-अलग प्राचीन ग्रंथों में इसे गजापुरम, नागापुरा, आसंदीवता, ब्रह्मस्थलम, शांति नगरम और कुंजारपुरम कहा गया है। रामायण में भी इसका उल्लेख है।