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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 'बही-खाता'ने दिलाई 'बजट' से मुक्ति

Updated Feb 01, 2020 | 10:16 IST

मोदी सरकार लगातार अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही संसदीय परंपराओं को तोड़ती रही है। पिछले साल वित्त मंत्री चमड़े के सूटकेस की जगह लाल रंग का बही खाता लेकर पहुंची थी। इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया है।

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Union budget bahi khata

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों के पटल पर साल 2019-20 की आर्थिक समीक्षा रखी। इसके बाद देश के सभी लोगों का रुख 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किए जाने वाले बजट की ओर मुड़ गया। ऐसे में स्थापित परंपराओं को तोड़ने के लिए जानी जाने वाली मोदी सरकार की वित्त मंत्री जैसे ही पीली साड़ी पहनकर वित्त मंत्रालय से अपनी टीम के साथ बाहर निकलीं सबकी नजरें एक बार फिर उनका हाथ में रखे लाल रंग के बही खाते पर जा टिकीं। पिछले साल भी वो इसी बही खाते के साथ पहली बार बजट पेश करने गईं थीं। 

पिछले साल देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री रूप में बजट पेश करने वाली निर्मला सीतारमण ने दशकों से चली आ रही उस परंपरा को तोड़ दिया था। वो लेदर के बैग को छोड़कर पारंपरिक बहिखाते के साथ बजट भाषण देने पहुंची थीं। ऐसे में सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णामूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा था, सरकार गुलामी के दौर की संसदीय परंपराओं को छोड़कर स्वदेशी बहीखाता को अपनाने का निर्णय किया है।' ऐसे में जब सुब्रमण्यम आगे कहा, 'ये बजट नहीं बही-खाता है।' 

वित्तमंत्री का भी इस बारे में मामना है कि चमड़े से बने उत्पाद इस तरह के बड़े मौके के लिए शुभ नहीं होते हैं। इस वजह से उन्होंने लेदर के बैक की जगह बहीखाते को अपनाने का निर्णय लिया। बजट भाषण चमड़े की जगह लाल कपड़े में लिपटा है जिसे परंपरागत रूप से शुभ माना जाता है।' इसके अलावा उन्होंने एक और सवाल के जवाब में इस बदलाव का बचाव करते हुए कहा था कि मोदी सरकार सूटकेस वाली सरकार नहीं है। 

क्या होता है बजट

बजट शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द bowgette से आया है जो मूल रूप से फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है चमड़े का बैग। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक आम बजट एक वित्त वर्ष में सरकार की आय और व्यय का लेखा-जोखा होता है। भारत के संविधान में कहीं भी 'बजट' शब्द का उल्लेख नहीं हुआ है।

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