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बजट 2020 से रियल एस्टेट सेक्टर को कई उम्मीदें, क्या आम आदमी को मिल पाएगा 'सपनों का घर'?

Updated Jan 16, 2020 | 15:07 IST

Budget Expectations for Real Estate Sector: बजट 2020 1 फरवरी 2020 को पेश होगा। इस बजट में कई बड़ी घोषणाएं हो सकती है। रियल एक्सटेट सेक्टर को इस बजट से कई उम्मीदें हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Union Budget 2020 Expectations: बजट 2020 से रियल एस्टेट सेक्टर को कई उम्मीदें

नई दिल्ली: बजट 2020-21 के पेश होने में कुछ दिनों का वक्त बचा हुआ है। हर सेक्टर को मोदी सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बजट को खास बनाना चाहते हैं, इस प्रकार की कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहा है। इस सेक्टर के जरिए सरकार आम आदमी को भी राहत पहुंचा सकती है। 

पिछली दो तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर की हालत सुधरी है और सरकार अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए इस सेक्टर से जुड़ी कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। मंजू याग्निक, उपाध्यक्षा, नाहर ग्रुप एवं उपाध्यक्षा, नरेडको (महाराष्ट्र) ने बताया, 'केंद्रीय बजट 2020-2021 आज तक घोषित किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण बजटों में से एक होने का अनुमान है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समग्र आर्थिक मंदी की छाया में बजट पेश करेंगी, जो अपनी डिग्री और प्रकृति को देखते हुए कई चुनौतियों को खड़ा कर रहा है।' 

इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर देना चाहिए जोर

उन्होंने कहा, 'मंत्री को उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के तरीकों पर काम करना चाहिए, खासकर गांवों और छोटे शहरों में, और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। यह डिफॉल्ट रूप से विभिन्न क्षेत्र के लिए घटती मांग को संबोधित करेगा और नकदी-समृद्ध उद्योगों को और अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बाजार को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा।' 

30 लाख रुपये से कम लोन वाले आवेदकों की संख्या बढ़ी

बैंक बाजार की द्वारा दी पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में किफायती घर की मांग में बढ़ोतरी हुई है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को रिकवरी में मदद मिली है। 30 लाख रुपये से कम के होम लोन के आवेदन की संख्या कुल आवेदन का 72 फीसदी तक रही।' रिपोर्ट के मुताबिक महिला खरीदारों का एवरेज टिकट साइज पुरुष खरीदारों से ज्यादा है।

रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्टर डोज की आवश्यकता

याग्निक ने बताया, 'राजकोषीय घाटे में सिर्फ आधा प्रतिशत की कमी, कॉर्पोरेट कर की दर में कमी, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और भारत के दिवालियापन संहिता में संशोधन कुछ बड़े कदम हैं, जो सरकार द्वारा 2019 में लिए गए थे। केंद्रीय बजट 2020-2021 बढ़ावा देने के लिए एक बूस्टर डोज के रूप में कार्य करें और इन सुधारों को पूरी तरह से कार्रवाई में रखें।'

कई सुधार हुए कई की जरूरत है

रोहित पोद्दार, प्रबंध निदेशक, पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड एवं संयुक्त सचिव, नरेडको महाराष्ट्र ने बताया, 'वर्तमान में, सेक्टर अनसोल्ड इन्वेंट्री में वृद्धि और तरलता की कमी के प्रभाव से जूंझ रहा है। हालांकि रेपो दर में कटौती, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती, पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्किम की शुरुआत, डेवलपर्स को अंतिम मील की धनराशि प्रदान करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये की एआईएफ की स्थापना और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 102 लाख करोड़ रुपये के रोडमैप की स्थापना रियल एस्टेट क्षेत्र को संघठित करने में मदद करेगा।' 

उन्होंने बताया, 'घर खरीदारों की भावनाओं को बढ़ाने के लिए एसबीआई का हालिया कदम अच्छा फैसला है, लेकिन वित्त मंत्री को अब सीधे उपाय करने की आवश्यकता है। जैसे कि 25,000 करोड़ रुपये के एआईएफ का त्वरित कार्यान्वयन, यह सुनिश्चित करते हुए कि आवंटित धन अपनी पूर्ण क्षमता के लिए बिना देरी के उपयोग किया जा रहा है। चल रही तरलता की कमी का प्रमुख क्षेत्रों में प्रभाव पड़ा है, इस स्थिति को कम करने के लिए, किफायती आवास में निजी निवेशकों को अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने का उपाय इस क्षेत्र को बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित करने के लिए देखा जा सकता है।'

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