निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman)
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वादा किया है कि इस बार का बजट में कुछ ऐसा खास होगा जो अब तक नहीं हुआ है। इस बजट को तैयार करने में उनके साथ कई विशेषज्ञों ने मेहनत की।
तरुण बजाज, राजस्व सचिव (Tarun Bajaj)
पूर्व आर्थिक मामलों के सचिव और मौजूदा राजस्व सचिव, तरुण बजाज को प्रशासन और सार्वजनिक नीति में वित्त और उद्योग के क्षेत्रों में काम करने का 31 साल से अधिक का अनुभव है। वित्त मंत्रालय से पहले उन्होंने पीएमओ में काम किया है और फीडबैक के लिए उद्योग के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं।
अजय सेठ, आर्थिक मामलों के सचिव (Ajay Seth)
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ को भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि को बनाए रखने के लिए अर्थव्यवस्था में निजी पूंजीगत व्यय को पुनर्जीवित करने का कठिन काम सौंपा जाएगा। संभावना है कि सेठ सीतारमण के बजट भाषण का मसौदा तैयार करेंगे।
देबाशीष पांडा, बैंकिंग सचिव (Debashish Panda)
बैंकिंग सचिव देबाशीष पांडा 1987 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनके पास महामारी के शुरुआती दौर में बैंकरों में उत्साह बनाए रखने और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में ऋण और तरलता को आगे बढ़ाने का दोहरा काम था। आरबीआई के साथ पांडा को यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक के लिए त्वरित समाधान खोजने का काम भी सौंपा गया था।
तुहिन कांत पांडेय, DIPAM के सचिव (TK Pandey)
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने एयर इंडिया के निजीकरण की सफलता के बाद कहा था कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और पॉन हंस सहित पांच या छह कंपनियों का निजीकरण करेगी।
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