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Exclusive: पूरी दुनिया में अपनी पैठ बनाएगी एयर इंडिया, जानें कैसे टाटा का हुआ महाराजा

Updated Jan 28, 2022 | 12:27 IST

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि एयर इंडिया का हैंडओवर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा से ही सफल हुआ है।

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नई दिल्ली। एयर इंडिया (Air India) अब आधिकारिक तौर से टाटा ग्रुप (Tata Group) का हिस्सा बन गई है। सालों बाद एयर इंडिया फिर से टाटा ग्रुप के तहत उड़ान भरेंगी। इस पर नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर नाविका कुमार के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि एयर इंडिया के लिए आगे का रास्ता क्या होगा, क्या नुकसान की कहानी अब खत्म होगी और क्या एयर इंडिया इस कगार पर है कि वो एक मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन सके।

प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छा शक्ति से संभव हुआ हैंडओवर
सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया का हैंडओवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की दृढ़ इच्छा शक्ति से संभव हुआ है। उनका संकल्प है कि भारत सरकार का काम एक वातावरण तैनात करने का है, जहां व्यापार में वृद्धि हो। इसी सोच और विचारधारा के आधार पर यह संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि कंपनी का पिछले 14 साल का नुकसान 82 हजार करोड़ रहा था और डेट करीब-करीब एक लाख करोड़ से ज्यादा हो चुका था।

कंपनी को एक दिन में 20 करोड़ रुपये और साल में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता था। जो आम जनता का पैसा है, जो टैक्सपेयर्स का पैसा है, उसका इस्तेमाल अच्छी जगहों पर हो, जैसे शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में, इसी विचारधार के साथ यह हैंडओवर सफलतापूर्वक समाप्त हुआ है।

विनिवेश पर टाटा को बधाई
सिंधिया ने टाटा ग्रुप को बधाई दी। उन्हेंने कहा कि जिसका बीज उन्होंने करीब 70 साल पहले बोया था आज वो कंपनी वापस उनके घर पहुंच चुकी है। नागर विमानन मंत्री ने कहा कि, 'मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में उनके नेतृत्व में, उनकी सोच विचारधारा के आधार पर, उनकी स्ट्रैटेजी के आधार पर ये कंपनी दोबारा हमारे देश के आसमान और अंतरराष्ट्रीय आसमान में अपनी जगह बनाएगी।

कितना भार उठाएगी सरकार?
एयर इंडिया का कुल नुकसान करीब 45,000 करोड़ था। इसके अतिरिक्त कंपनी की करंट लायबिलिटी करीब 15,000 करोड़ थी। टाटा ने 18 हजार करोड़ का बिड रखा था। इसमें से 85 फीसदी यानी 15,300 करोड़ रुपये ऋण के प्रति जाएगा। सरकार के पास करीब 45-46 हजार करोड़ का ऋण बचेगा। इसमें से एयर इंडिया के नॉन-कोर एसेट, जो विनिवेश में पार्टी के पास नहीं गए हैं, उनकी बिक्री के जरिए जो राशि मिलेगी और बाकी 18 हजार करोड़ का 15 फीसदी, जो टाटा चेक के समेत देने वाली है, उसका भी लोन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, 'मुझे विश्वास है कि इन दोनों विचारधाराओं के आधार पर जो बाकी ऋण है एयर इंडिया का, उसका भी पूर्ण भुगतान हो पाएगा।'

कर्मचारियों को एक साल नौकरी की गारंटी
कर्मचारियों की बात करें तो सिंधिया ने बताया कि उनकी हर तरह से रखवाली भारत सरकार ने की है। चाहे मेडिकल बेनिफिट्स की बात हो या चाहे ग्रैच्युटी या उनकी पेंशन की बात हो, सरकार ने उनका ध्यान रखा है। साथ ही 12,000 कर्मचारियों को एक साल के लिए जॉब सिक्योरिटी भी प्रदान की गई है। जब भारत के नागरिक का सवाल आता है, तो हर कंपनी सेवाएं देने के लिए आगे आती है। जैसे वंदे भारत के मिशन में भी एयर इंडिया के अलावा सभी कंपनियों ने उसमें भाग लिया था। उन्हें विश्वास है कि अगर भारत पर कोई इमरजेंसी आती है, तो निजी क्षेत्र की सभी कंपनियां तत्परता से आगे आएंगी और अपनी सेवाएं देंगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह सिर्फ एविएशन सेक्टर के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है।

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