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Railway Budget 2020: रेलवे के लिए हुए ये महत्वपूर्ण एलान, पीपीपी मॉडल पर चलेंगी 150 ट्रेनें

Updated Feb 01, 2020 | 16:35 IST

Budget 2020: भारतीय रेल का नेटवर्क काफी बड़ा है। शनिवार को वित्त मंत्री ने जब बजट पेश किया तो लोगों की नजरें इस बात पर भी थी कि इसमें रेलवे को क्या मिलता है। आइए जानें इस बार बजट में रेलवे को क्या-क्या मिला।

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मुख्य बातें
  • आम बजट के साथ पेश किया रेल बजट, रेलवे के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं
  • वित्त मंत्री ने बताया कि 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा
  • रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर रेल ट्रैक के साथ-साथ बड़ी सोलर पावर क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को देश का आम बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कई घोषणाएं की। इस बजट के साथ सरकार ने रेलवे के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने बताया कि 27 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा। इसके अलावा सीतारमण ने बताया कि पीपीपी माडल के तहत चार रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा और रेल पटरियों के किनारे सौर ऊर्जा ग्रिड बनाए जाएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल पटरियां बिछाने के साथ ही सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया तथा कहा कि पर्यटक स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस की तरह की और ट्रेनों को चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2023 तक पूरा हो जाएगा तथा चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘150 ट्रेनें पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) तरीके से चलाई जाएंगी, साथ ही चार स्टेशनों को निजी क्षेत्र की मदद से पुन: विकसित किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर 550 वाईफाई सुविधाएं दी गई हैं।’

रेल बजट की मुख्य विशेषताएं

  • रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर रेल ट्रैक के साथ-साथ बड़ी सोलर पावर क्षमता स्थापित करने का प्रस्ताव
  • स्टेशन के पुर्नविकास की चार परियोजनाओं औऱ 150 यात्री गाड़ियों का प्रचालन सरकारी निजी भागीदारी तरीके से किया जाएगा। 
  • तेजस की तरह और भी रेलगाड़ियां पर्यटक गंतव्यों को जोड़ेंगी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन के कार्य में तेजी लाई जाएगी।

वहीं पिछली बार बजट में रेलवे को 65,873 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी गई थी। आपको बता दें कि 2016  तक आम बजट और रेल बजट अलग-अलग पेश किया जाता था। सरकार ने दशकों पुरानी इस परंपरा को खत्म करते हुए आम बजट के साथ ही रेल बजट को पेश करने का निर्णय लिया और 1 फरवरी 2017 को देश का पहला संयुक्त बजट पेश किया।

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