लाइव टीवी

VIDEO: जानें कौन हैं ट्विटर के नए CEO पराग अग्रवाल, जिन्होंने दुनिया भर में रोशन किया भारत का नाम

Updated Nov 30, 2021 | 18:48 IST

ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल ने भारत का ही नहीं, बल्कि अजमेर का नाम भी दुनिया भर में रोशन किया है। उनका जन्म अजमेर के सरकारी अस्पताल में हुआ था।

Loading ...

Who Is Parag Agrawal: सोशल मीडिया के सबसे बड़े ट्विटर (Twitter) के नए सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) को बनाया गया है जिससे आज पूरा भारत देश गौरवान्वित हुआ है। पराग अग्रवाल का अजमेर से भी गहरा नाता रहा है। पराग अग्रवाल का जन्म 21 मई 1984 को राजस्थान के अजमेर शहर के सरकारी जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में हुआ था। तब पराग के पिता रामगोपाल अग्रवाल मुंबई में बीएमआरसी में कार्यरत थे। लेकिन तब उनके माता-पिता यानी पराग के दादा-दादी अजमेर के धान मंडी क्षेत्र में किराये के मकान में रहते थे। तब रामगोपाल अग्रवाल की ऐसी स्थिति नहीं थी कि वे मुंबई के किसी प्राइवेट अस्पताल में पत्नी की डिलीवरी करवाएं। यही वजह रही कि अग्रवाल ने पत्नी को अपने माता-पिता के पास अजमेर भेजा और डिलीवरी के लिए जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया। 

पराग ने दुनिया भर में रोशन किया भारत का नाम
तब किसी को पता नहीं था कि सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाला यह शिशु एक दिन दुनिया की सबसे ताकत संस्था ट्विटर का सीईओ बनेगा। पराग अग्रवाल ने अपनी बुद्धिमता से भारत का ही नहीं बल्कि अजमेर का नाम भी दुनिया भर में रोशन किया है। अग्रवाल समाज अजमेर के अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल ने बताया कि पराग के माता-पिता रामगोपाल अग्रवाल और शशि अग्रवाल 4 दिसंबर को अजमेर आ रहे हैं। अजमेर आगमन पर अग्रवाल दम्पत्ति का भव्य स्वागत किया जाएगा। मालूम हो कि पराग अग्रवाल आई आई टी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बी टेक की पढ़ाई की और इसके बाद स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की। 

10 वर्षों से ट्विटर कंपनी से जुड़े हुए हैं पराग 
पराग अग्रवाल लगभग 10 वर्षों से ट्विटर कंपनी से जुड़े हुए हैं उन्होंने एक विशेष सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ट्विटर ज्वाइन किया था ट्विटर ने उन्हें 2018 में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बनाया था। ट्विटर से पहले पराग अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट याहू और एटीएंडटी लैब्स के साथ काम कर चुके हैं।

पराग अग्रवाल के बारे में जब मीडिया वाले उनके पुराने घर पहुंचे तो सभी हतप्रभ रह गए लेकिन  जब उनको इस बारे में बताया गया तो उन्होंने उनका पुराना मकान दिखाया और बताया कि उनके दादा दादी ओर माता पिता इस किराए के मकान में रहते थे। मकान देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि माता पिता किस संघर्ष के दौर से गुजरे होंगे। आज उनके पड़ोसी खुशी से झूम उठे है कि उनके यहां पैदा हुआ बच्चा इतने बड़े पद पर पहुंचा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।