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Chandigarh Development: चंडीगढ़ प्रशासन का बड़ा कदम, अब गांवों में सेक्टर की तरह होगा विकास, मिलेगी ये सुविधा

Updated Jun 03, 2022 | 15:23 IST

Chandigarh Development: यूटी प्रशासन अपने लैंड पूलिंग पॉलिसी को तैयार करने के लिए एक बार फिर से एडवाइजर नियुक्‍त करने जा रहा है। इस बार भी प्रशासन इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट बेंगलुरु के साथ ही एग्रीमेंट करने की कोशिश में जुटा है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
लैंड पूलिंग पॉलिसी पर नियुक्‍त होगा एडवाइजर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • लैंड पूलिंग पॉलिसी के लिए एडवाइजर नियुक्‍त करने की प्रक्रिया शुरू
  • पॉलिसी के तहत शहर के गांव भी होंगे सेक्‍टर की तरह विकसित
  • इस पॉलिसी से 23 गांवों के करीब 3000 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा विकास

Chandigarh Development: चंडीगढ़ जिले के अंदर आने वाले गांवों के विकास के लिए यूटी प्रशासन ने एक बार फिर से लैंड पूलिंग पॉलिसी को सिरे चढ़ाने की कार्रवाई तेज कर दी है। अब प्रशासन ने इस पॉलिसी को अमलीजामा पहनाने के लिए एडवाइजर नियुक्त करने का फैसला किया है। बता दें कि, प्रशासन गांवों को शहर के सेक्‍टरों की तरह विकासित करने के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी लेकर आई है, जिस पर पिछले साल से ही कार्य चल रहा है। इसके लिए अभी तक इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट बेंगलुरु को एडवाइजर नियुक्‍त किया गया था।

अधिकारियों के अनुसार इस संस्‍था ने पंजाब, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के गांव और शहरी इलाकों में कई योजनाओं पर काम किया था और चंडीगढ़ में भी बेहतर काम किया, लेकिन कुछ समय पहले इस संस्‍था के साथ एग्रीमेंट खत्‍म हो गया था। तभी से लैंड पूलिंग पॉलिसी पर ब्रेक लगा हुआ है। इसलिए अब एक बार फिर से एडवाइजर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूटी चंडीगढ़ के एडवाइजर धर्म पाल ने बताया कि इस बार भी इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट बेंगलुरु के साथ ही एग्रीमेंट करने की कोशिश चल रही है, क्‍योंकि इस संस्‍था ने अभी तक काफी अच्‍छा कार्य किया है।

जानें क्‍या है लैंड पूलिंग पॉलिसी

लैंड पूलिंग पॉलिसी के लागू होने से शहर के 23 गांवों को सबसे ज्‍यादा फायदा होगा। प्रशासन इन्‍हें शहर की तर्ज पर विकसित करेगा। लैंड पूलिंग पॉलिसी बनने से कृषि योग्य भूमि को कमर्शियल पर्पज के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार इन 23 गांवों में करीब 3 हजार एकड़ जमीन कृषि योग्य है। इनको कमर्शियल बनाने के लिए लैंड पूलिंग नीति की जरूरत है। अभी प्रशासन लाल डोरे के बाहर हुए निर्माण को अवैध मानता है। साथ ही नगर निगम की तरफ से इन्‍हें कोई सुविधाएं भी नहीं दी जाती। बता दें कि इस पॉलिसी को तैयार करने का कार्य पिछले साल शुरू हुआ था, जो अभी भी बन रही है। प्रशासन लाल डोरे के बाहर के निर्माण को मंजूरी दिलाने के लिए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की तर्ज पर नीति बनाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें एडवाइजर की मदद ली जा रही है।