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Chandigarh Drug Trafficking: चंडीगढ़ में अब नशा तस्‍करों पर ये फोर्स कसेगी शिकंजा, किया गया गठन

Updated May 19, 2022 | 21:54 IST

Chandigarh Drug Trafficking: चंडीगढ़ के अंदर नशा तस्‍करी को रोकने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस टास्क फोर्स का नेतृत्‍व आईजी लेवल के अधिकारी करेंगे। यह फोर्स शहर के अंदर फैले नशे के जाल को तोड़ने की कोशिश करेगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
चंडीगढ़ में एंटी नारकोटिक टॉस्क फोर्स का गठन
मुख्य बातें
  • नशा तस्‍करी रोकने के लिए चंडीगढ़ में स्‍पेशल फोर्स का गठन
  • अब एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स रोकेगी नशा तस्‍करों पर कार्रवाई
  • इस टास्क फोर्स में डॉग को भी किया गया शामिल

Chandigarh Drug Trafficking: चंडीगढ़ में बढ़ रहे नशे के जाल को तोड़ने के लिए अब एक नई फोर्स शहर में कार्य करेगी। इस फोर्स का नाम एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स है। इसका गठन नारको को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) की राज्य स्तरीय बैठक में किया गया। इसका नेतृत्‍व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे। यह टीम सिर्फ शहर में फैलते नशे के चलन को रोकने के लिए काम करेगी।

यह बैठक यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में हुई। जिसमें एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने एनसीओआरडी के पूरे एजेंडे पर प्रेजेंटेशन दिया। इस बैठक में शहर के अंदर फैलते नशे के जाल पर चर्चा करने के साथ इसे खत्‍म करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। इसमें ही फैसला लिया गया कि अब एक ऐसे फोर्स का गठन किया जाएगा जो सिर्फ नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए कार्य करेगी।

इंटरनेट पर रहेगा खास नजर

बैठक में सबसे ज्‍यादा चर्चा इंटरनेट के माध्यम से चलाए जा रहे नशे के रैकेट पर की गई। अधिकारियों ने बताया कि इस समय नशे के रैकेट को चलाने के लिए तस्‍कर सबसे ज्‍यादा इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके बाद फैसला लिया गया कि चंडीगढ़ की साइबर सेल पुलिस की तरफ से एक समर्पित एंटी डार्क नेट सेल स्थापित किया जाएगा। यह टीम डार्क वेब के माध्यम से नशीली दवाओं के व्यापार की जांच करेगी। इस परियोजना में कॉलेज के छात्रों आदि को शामिल किया जाएगा।

खोजी कुत्ते भी होंगे तैनात

अधिकारियों ने बताया कि इस फोर्स में कुत्‍तों को भी शामिल किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार नशा तस्‍करी के लिए इस समय सबसे ज्‍यादा डाक और कूरियर का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसे रोकने व जांच के लिए प्रमुख डाक केंद्रों पर खोजी कुत्तों को तैनात कर स्कैनर लगाए जाएंगे। इस फोर्स के कार्य करने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। जहां पर लोग शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इस फोर्स को ड्रग्स तस्‍करी रोकने के लिए दूसरी एजेंसियों से विशेष ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।