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Chandigarh News: चंडीगढ़ में अवैध निर्माण अब बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार, आरोपी के साथ ही नपेंगे अधिकारी

Updated Jul 12, 2022 | 15:42 IST

Chandigarh News: चंडीगढ़ में लाल डोरा के बाहर या फिर कृषि जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों के साथ अब जिम्‍मेदार अधिकारी भी नपेंगे। काम में लापरवाही बरतने या फिर मिल‍िभगत का पता लगने पर अधिकारियों पर निलंबन से लेकर बर्खास्‍त करने तक की कार्रवाई की जाएगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
चंडीगढ़ में अवैध निर्माण होने पर होगी अधिकारियों पर कार्रवाई
मुख्य बातें
  • अवैध निर्माण पर अब अधिकारियों पर होगी सख्‍त कार्रवाई
  • डीसी ने निर्देश जारी कर अधिकारियों को दिया सख्‍ती बरतने का निर्देश
  • अवैध निर्माण पर एक पटवारी हो चुका निलंबित, दो को नोटिस जारी

Chandigarh News: चंडीगढ़ में अवैध निर्माण करने पर अब निर्माण करने वालों के साथ अधिकारी भी नपेंगे। जिम्‍मेदार अधिकारियों पर अब विभागीय कार्रवाई के साथ निलंबन और बर्खास्‍ती तक की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में डीसी विनय प्रताप सिंह ने विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीसी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि, लाल डोरा के बाहर या फिर कृषि जमीन पर अब कोई अवैध निर्माण करते पाया गया तो उसपर अतिक्रमण दस्ता, पटवारी या फिर तहसीलदार सख्‍त कानूनी कार्रवाई करे। इस कार्य में जो भी लापरवाही बरतेगा, उस पर भी सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि, ऐसी शिकायतें लगातार आ रही हैं कि, प्रॉपर्टी डीलर या अन्‍य लोग अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर धड़ल्‍ले से एग्रीकल्चर लैंड पर अवैध निर्माण कर रहे हैं। धनास में मौजूद कई एकड़ एग्रीकल्चर लैंड पर अवैध मार्बल मार्केट बन चुका है। वहीं शहर के आईटी पार्क, हल्लोमाजरा के साथ अन्‍य हिस्‍सों में भी एग्रीकल्चर लैंड पर अवैध तरीके से कमर्शियल एक्टिविटी और लाल डोरा के बाहर मकान बनाए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। डीसी ने ऐसे निर्माण पर अब संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया है। पेरीफेरी एरिया में हुए ऐसे ही एक अवैध निर्माण पर डीसी ने एस्टेट ऑफिस के एक पटवारी को निलंबित करने के साथ तसहीलदार को भी शोकाज नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

 कृषि जमीनों पर बढ़ रही हैं कमर्शियल एक्टिविटी 

कृषि भूमि को अवैध कब्जा से मुक्‍त करने को लेकर हाल ही में डीसी ने एस्‍टेट ऑफिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें प्रस्‍तुत की गई सर्वे रिपोर्ट से पता चला था कि शहर की 16,597 एकड़ कृषि जमीन पर लगातार अवैध निर्माण, कब्जा, मकान बनाने और कमर्शियल एक्टिविटी के कार्य बढ़ रहे हैं। इस वजह से अब शहर में मात्र 3,197 एकड़ कृषि जमीन ही बची है। इसके बाद ही डीसी ने अधिकारियों को सख्‍ती बरतने का निर्देश दिया। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब कार्रवाई शुरू की है।