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चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की चेतावनी, 31 मार्च तक किराया जमा करने का आखिरी मौका

Updated Mar 29, 2022 | 20:05 IST

CHB Fare Case: चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) ने स्मॉल फ्लैट्स स्कीम के तहत मिले फ्लैट का किराया नहीं जमा कराने वालों को 31 मार्च तक का मौका दिया है। इसके बाद सीधे आवंटन को ही रद्द कर दिया जाएगा।

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चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने लोगों को किराया जमा करने का दिया आखिरी मौका
मुख्य बातें
  • किराया जमा करने के लिए आवंटियों के पास 31 मार्च तक का समय
  • एक अप्रैल से सीएचबी करेगा सभी फ्लैटों का आवंटन रद्द
  • किराया न जमा करने वालों को अब नहीं मिलेगा मौका

CHB Fare Case: फ्लैट का किराया न जमा करने वाले हजारों लोगों को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) ने आखिरी मौका दिया है। सीएचबी ने नोटिस जारी कर ऐसे लोगों को 31 मार्च तक पूरा किराया जमा करने का समय दिया है। इसके बाद बकाया किराया न जमा कराने वालों का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। बता दें कि, सीएचबी ने किराया न जमा करने वाले 11,641 लोगों को नोटिस भेजा है। इन पर सीएचबी का करीब 50 करोड़ रुपये का किराया बकाया है।

स्मॉल फ्लैट्स स्कीम का किराया बकाया

यह किराया उन लोगों पर बकाया है, जिन्‍होंने सीएचबी के स्मॉल फ्लैट्स स्कीम के तहत, फ्लैट ले रखें हैं। ऐसे लोगों को सीएचबी ने पहले 23 मार्च तक का समय दिया गया था, लेकिन इस समयावधि में अगर कुछ लोगों को छोड़ दे तो, बाकि लोगों ने अभी तक किराया नहीं जमा कराया, जिसके कारण सीएचबी ने ऐसे लोगों को अब आखिरी मौके के तौर पर 31 मार्च तक का समय दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए सीएचबी के सीईओ यशपाल गर्ग ने कहा है कि, इन आवंटियों को किराया जमा कराने के लिए पहले भी कई नोटिस जारी कर सूचना दी गई है, लेकिन लोग बकाया किराया जमा करने को तैयार नहीं है। अब बकाया जमा करने के लिए आखिरी नोटिस जारी की गई है, इसके बाद सीधे कार्रवाई होगी।

10 हजार रुपये से ज्‍यादा बकायादारों को नोटिस

सीएचबी की तरफ से यह नोटिस स्मॉल फ्लैट्स स्कीम के तहत उन आवंटियों को नोटिस भेजा गया है, जिन पर 10 हजार रुपये से ज्यादा का किराया बकाया है। नोटिस मिलने के बाद कुछ लोगों ने किराया जमा किया, जो करीब 8 करोड़ रुपये है, बाकि के लोगों ने किराया जमा नहीं कराया। अब आवंटन रद्द किया जाएगा। एक बार आवंटन रद्द होने के बाद आवंटी को मकान खाली करना होगा। अगर अपीलीय प्राधिकारी इसकी बहाली की अनुमति देता है, तो आवंटी को सभी लंबित देय राशि, ब्याज और रिवाइवल शुल्क का भी भुगतान करना होगा।