- चंडीगढ़ में यूटी प्रशासन का बड़ा कदम
- यहां अब ग्रिड बेस्ड सिस्टम पर चलेंगी सभी बसें
- पब्लिक को बसों के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार
Chandigarh News: चंडीगढ़ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा को बढ़ाने के लिए यूटी प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है। अब आप शहर के किसी भी बस स्टॉप पर खड़े होकर सात मिनट में बस पकड़ सकेंगे। अभी शहर के अंदर कई रूट पर 30 से 45 मिनट के बाद बस मिलती है। इतना लंबा इंतजार होने के कारण पब्लिक ऑटो व टैक्सी को पकड़ना ज्यादा पसंद करती है।
वहीं प्रशासन चाहता है कि, ज्यादा से ज्यादा लोग सिटी बस का उपयोग करें। इससे जहां शहर में प्रदूषण कम होगा, वहीं जाम से भी राहत मिलेगी। इसलिए, प्रशासन अब बसों के रूट प्लान को नए सिरे से तैयार कर रहा है।
ग्रिड पैटर्न सिस्टम को बढ़ावा देने के आदेश
इस संबंध में यूटी प्रशासन के एडवाइजर धर्म पाल ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को ग्रिड पैटर्न सिस्टम को बढ़ावा देने के आदेश दिए हैं। धर्म पाल ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बसों की फ्रीक्वेंसी कम करने का निर्देश दिया ह। साथ ही उन्होंने आम लोगों से भी ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की अपील की है। अभी बसें एक प्वाइंट से चलकर दूसरे प्वाइंट तक पहुंचती हैं। अधिकतर बसें आईएसबीटी जाती ही हैं।
कई रूट पर ओवरलैप हैं बसें
अभी शहर के अंदर कई रूट पर बसें ओवरलैप चल रही हैं। पहले के रूट प्लान के अनुसार एक ही रूट पर अलग-अलग रूट नंबर की बसें चलती हैं, इससे इन रूट पर बसों का दोहराव होता रहता है। इससे जहां पैसेंजर्स को परेशानी होती है, वहीं ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी नुकसान उठाना पड़ता है। लोग काफी समय से मांग कर रहे हैं कि, एक रूट पर जो भी बस चले उसके नंबर एक जैसे ही होने चाहिए। इससे ओवरलैपिंग बंद होगी, वहीं पब्लिक को भी अच्छी बस सुविधा मिल पाएगी।
ग्रिड बेस्ड सिस्टम पर चलेंगी बसें
बसों को चलाने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने जो प्लान बनाया है, उसमें बसों को अब लूप सिस्टम की बजाए ग्रिड बेस्ड सिस्टम पर चलाया जाएगा। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस पर काम कर रहा है। ग्रिड सिस्टम से एक रूट पर एक ही नंबर की बस चलेंगी। दूसरी बस इस रूट पर नहीं आएगी। इससे एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट तक पैसेंजर को बस सर्विस मिलेगी। इससे पहले, वर्ष 2015 में भी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बसों का रूट प्लान बदलने की तैयारी की थी। लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा सका।