- चंडीगढ़ में बिल्डिंग मिसयूज वायलेशन करना पड़ेगा भारी जुर्माना
- यूटी प्रशासन ने 500 पेनल्टी को बढ़ाकर किया 2 लाख
- वर्ष 2007 में देने पड़ते थे महज 10 रुपये पेनल्टी
Chandigarh News: अगर आप अपनी बिल्डिंग में किसी तरह का मिसयूज या वायलेशन कर रहे हैं तो अभी से संभल जाए, नहीं तो नियम तोड़ना आपकी जेब पर भारी पड़ेंगा। क्योंकि यूटी प्रशासन बिल्डिग मिसयूज या वायलेशन पर लगने वाली पेनल्टी में भारी बढ़ोत्तरी करने जा रहा है। अभी तक मिसयूज या वायलेशन पर जहां पेनल्टी 500 रुपये प्रति स्क्वायर फिट प्रति माह होती थी, उसे अब बढ़ाकर एकमुश्त दो लाख रुपये करने जा रहा है।
अगर इस पेनटली के बाद भी मिसयूज जारी रहा तो प्रतिदिन आठ हजार रुपये के हिसाब से पेनल्टी लगेगी। यूटी प्रशासन इस भारी भरकम पेनल्टी के लिए बिल्डिग मिसयूज वायलेशन पेनल्टी रिवाइज्ड करने के लिए यूटी प्रशासन कैपिटल ऑफ पंजाब (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट-1952 में संशोधन करने जा रहा है।
प्रशासन ने इस प्रस्ताव पर मांगे फीडबैक
पेनल्टी के इस रिवाइज्ड रेट को अभी सिर्फ प्रस्तावित किया गया है। प्रशासन ने इसमें सुधार के लिए रेजिडेंट्स से सुझाव और फीडबैक मांगे हैं। इस पर दस दिन में फीडबैक दिए जा सकते हैं। लोगों को अपने सुझाव यूटी सेक्रेटेरिएट स्थित ज्वाइंट सेक्रेटरी एस्टेट रूम नंबर-418 में जमा कराने होंगे। पब्लिक का फीडबैक मिलने के बाद इस ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही इसकी नोटिफिकेशन जारी कर लागू कर दिया जाएगा।
2007 में 10 रुपये थी पेनल्टी
इस प्रस्ताव से पहले वर्ष 2007 में बिल्डिंग मिसयूज और वायलेशन पेनल्टी में भारी बढ़ोत्तरी की गई थी। वर्ष 2007 से पहले यह पेनल्टी महज 10 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 500 रुपये कर प्रति स्क्वायर फीट प्रति माह कर दिया गया था। इसके साथ ही शहर के कारोबारियों और इंडस्ट्रियलिस्ट को करोड़ों रुपये के नोटिस भी भेजे गए थे। सबसे ज्यादा नोटिस मध्य मार्ग और सेक्टर-34 के एरिया में भेजे गए थे। अभी मिसयूज चार्जेस छह रुपये प्रति स्क्वायर फीट प्रतिदिन के हिसाब से कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिग पर पेनल्टी लगती है, जबकि रेजिडेंशियल बिल्डिग के लिए यह पेनल्टी चार रुपये प्रति स्क्वायर फीट प्रतिदिन है।