लाइव टीवी

Chandigarh Crime: फर्जी एनकाउंटर मामले में रिटायर्ड आईपीएस सहित तीन पुलिस अधिकारियों को सजा, जाने पूरा मामला

Updated Jul 23, 2022 | 14:53 IST

Chandigarh Crime News: सीबीआई कोर्ट ने 30 साल पुराने एक फर्जी एनकाउंटर केस में एक रिटायर्ड आईपीएस समेत तीन अन्‍य पुलिस अधिकारियों को दोषी मानते हुए उन्‍हें तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। वहीं पांच अन्‍य आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया। यह मामला 7 मई वर्ष 1992 का है। इन पुलिसकर्मियों ने एक व्‍यक्ति को गांव से उठाकर उसका फर्जी एनकाउंटर कर दिया था।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
रिटायर्ड आईपीएस समेत तीन पुलिसकर्मियों को सजा
मुख्य बातें
  • पुलिस ने 7 मई वर्ष 1992 में अमृतसर में किया था एनकाउंटर
  • तीन दोषियों को सजा, पांच दोष मुक्‍त, एक की ट्रायल के दौरान मौत
  • तीनों पुलिस अधिकारियों को कोर्ट ने दी तीन-तीन साल कैद की सजा

Chandigarh Crime News: मोहाली की सीबीआई कोर्ट ने 30 साल पुराने एक फर्जी एनकाउंटर मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में आरोपी एक रिटायर्ड आईपीएस समेत तीन अन्‍य पुलिस अधिकारियों को दोषी मानते हुए उन्‍हें तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। वहीं इस मामले के एक आरोपी की जहां मौत हो चुकी है, वहीं पांच अन्‍य आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।

कोर्ट ने जिस मामले में यह फैसला सुनाया वह 7 मई वर्ष 1992 का है। केस के अनुसार अमृतसर के गांव पौरसी राजपूत से सुरजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने अगवा कर एनकाउंटर कर दिया था। इस मामले में नौ पुलिसकर्मियों को आरोपित बनाया गया था। केस की सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बलकार सिंह, रिटायर्ड एसएचओ उधम सिंह, सब इंस्पेक्टर साहिब सिंह को इस अपहरण व फर्जी एनकाउंटर का दोषी करार देते हुए तीनों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है। 

पुलिस ने पांच लोगों को गांव से उठाया था, चार को छोड़ा

केस के अनुसार तत्‍कालीन डीएसपी बलकार सिंह व एसएचओ उधम सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों ने 1992 में अमृतसर के गांव पौरशी राजपूत से सुरजीत सिंह व उसके चार अन्‍य साथियों को गांव की घेराबंदी कर उठा लिया था। जिसके बाद पुलिस पार्टी उन्‍हें अपने साथ ले गई। बाद में पुलिस ने सुरजीत सिंह के अलावा बाकी लोगों को छोड़ दिया था। इसके बाद पुलिस ने सुरजीत सिंह का एनकाउंटर कर उसकी लाश खुर्द बुर्द कर दी। जब मामला गर्माने लगा तो सीबीआई जांच शुरू हुई। इस मामले में सीबीआइ ने कुल दस लोगों को नामजद किया था, जिनमें से एक आरोपित पुलिसकर्मी सतवंत सिंह की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि पांच आरोपितों बीर सिंह, गोपाल सिंह, बलकार सिंह, तरसेम सिंह व जसबीर सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया। पीड़ित परिवार की तरफ से इस केस की पैरवी करने वाले एडवोकेट जगजीत सिंह बाजवा ने कहा कि इस फर्जी एनकाउंटर केस में सच की जीत हुई है।