- अब्दुल रज्जाक ने कहा कि गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में गहराई नहीं बची है
- नेट सत्र में प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों के चयन से नाखुश हैं रज्जाक
- रज्जाक ने यह भी कहा कि नसीम शाह और मोहम्मद हसनैन को टेस्ट में बहुत जल्दी आजमा गया
कराची: पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक ने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बाद अब भारतीय कप्तान विराट कोहली पर निशाना साधा है। रज्जाक का मानना है कि विराट कोहली निरंतर प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज हैं, लेकिन वह उन्हें महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की श्रेणी में नहीं रखते हैं। रज्जाक का मानना है कि दुनिया में क्रिकेट के स्तर में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, '1992 से 2007 के बीच जो हमने विश्व स्तर खिलाड़ी देखे थे, अब वैसे खिलाड़ी देखने को नहीं मिल रहे हैं। टी20 क्रिकेट ने खेल बदल दिया है। गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में गहराई नहीं है। अब यह सब बेसिक रह गए हैं।'
रज्जाक ने आगे कहा, 'विराट कोहली को देखिए। वह जब रन बनाता है तो बनाता है। भारतीय टीम के लिए वह अच्छा खिलाड़ी है और निरंतर प्रदर्शन कर रहा है। मगर मैं उन्हें उस श्रेणी में नहीं रख सकता, जहां सचिन तेंदुलकर हैं। दोनों की क्लास एकदम अलग है।' पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट, 265 वनडे और 32 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके रज्जाक ने अपने देश के गेंदबाजों पर भी सवाल खड़े किए।
पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, 'मुझे पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया में उन गेंदबाजों को सिलेक्ट करके ले जाया गया, जिन्होंने नेट्स पर सीनियर बल्लेबाजों को थोड़ा परेशान किया। क्या ये सिलेक्शन का तरीका है? नेट पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन करना स्वीकार्य नहीं है। आपको कभी पता ही नहीं होगा कि वह मैच में किस तरह प्रदर्शन करेंगे।' युवा पाकिस्तानी गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया में अपनी चमक बिखेरने में नाकाम रहे। पाकिस्तान को दोनों टेस्ट में पारी और रन के अंतर से शिकस्त झेलनी पड़ी।
रज्जाक ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए यह नतीजे चौंकाने वाले नहीं थे क्योंकि पाकिस्तान ने गलत खिलाड़ियों का चयन किया था। उन्होंने कहा, 'नसीम शाह और हसनैन अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन मेरा मानना है कि टेस्ट मैचों में इन्हें बहुत जल्दी आजमा लिया गया। इन्हें अभी अधिक कोचिंग दी जाना चाहिए ताकि अच्छे से आगे बढ़ाया जाए।'
बता दें कि अब्दुल रज्जाक ने हाल ही में जसप्रीत बुमराह को बेबी बॉलर करार दिया था। उन्होंने कहा था, 'मैंने ग्लैन मैक्ग्रा और वसीम अकरम जैसे गेंदबाजों का सामना किया है। उनके लिए बुमराह जैसे गेंदबाज का सामना करना बेहद आसान होता। मैं उनकी गेंदों का सामना आसानी से करता और उनपर हावी रहता। मैंने अपने दौर में कई विश्व स्तरीय गेंदबाजों का सामना किया है। इसलिए मुझे बुमराह जैसे गेंदबाज के खिलाफ बल्लेबाजी करने में किसी तरह की परेशानी पेश नहीं आती। मेरे खिलाफ गेंदबाजी करते हुए उनपर ही दबाव होता।'