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Taliban and Cricket: अब अफगानिस्तानी क्रिकेट टीम का क्या होगा, पढ़िए उनके बोर्ड सीईओ का ताजा बयान

Updated Aug 16, 2021 | 19:46 IST

Taliban for or against Cricket: अफगानिस्तान पर एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। ऐसे में दुनिया भर के क्रिकेट फैंस के मन में सवाल है क्या वहां क्रिकेट जारी रहेगा?

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तस्वीर साभार:&nbspAP
तालिबान और क्रिकेट
मुख्य बातें
  • अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान का कब्जा
  • कैसा है तालिबान और क्रिकेट का रिश्ता, क्या खेलों के पक्ष में है तालिबान?
  • अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को लेकर एसीबी प्रमुख ने दिया बयान

अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के सीईओ हामिद शिनवारी ने देश में आमूलचूल राजनीतिक बदलाव के बाद कहा कि क्रिकेट को नुकसान नहीं होगा क्योंकि तालिबान इस खेल को ‘पसंद’ करता है और इसका समर्थन करता है। शिनवारी ने काबुल से पीटीआई से बात करते हुए आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय टीम के सदस्य और उनके परिवार सुरक्षित हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है।

राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब जादरान जैसे स्टार खिलाड़ी फिलहाल ‘हंड्रेड’ टूर्नामेंट में ब्रिटेन में खेल रहे हैं। शिनवारी ने कहा, ‘‘तालिबान क्रिकेट को प्यार करता है। शुरुआत से ही उन्होंने हमारा समर्थन किया है। वे हमारी गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई हस्तक्षेप नजर नहीं आता और समर्थन की उम्मीद है जिससे कि हमारा क्रिकेट आगे बढ़ सके। हमारे अध्यक्ष सक्रिय हैं और अगले नोटिस तक मैं सीईओ रहूंगा।’’

अफगानिस्तान में 1996 से 2001 के दौरान तालिबान के शासन के समय क्रिकेट ने अपने पैर पसारे जब अफगानिस्तान के शरणार्थी पड़ोसी पाकिस्तान में इस खेल से जुड़े। शिनवारी ने कहा, ‘‘यह कहा जा सकता है कि तालिबान के युग में क्रिकेट का प्रसार हुआ। यह भी तथ्य है कि हमारे कई खिलाड़ी पेशावर में अभ्यास करते थे और उन्होंने इस खेल को अफगानिस्तान में मुख्यधारा से जोड़ा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अच्छी चीज यह है कि हम सामान्य हालात की ओर बढ़ रहे हैं। लोगों ने काम शुरू कर दिया है। हम कल से अपने कार्यालय में काम बहाल करेंगे और श्रीलंका में पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला से पहले राष्ट्रीय शिविर दो दिन के ब्रेक के बाद बहाल होगा।’’ खिलाड़ियों की सुरक्षा पर उन्होंने कहा, ‘‘विदेशों में खेल रहे चार या पांच खिलाड़ियों के अलावा बाकी सभी काबुल में हैं। जैसा कि मैंने कहा कि वे सुरक्षित हैं।’’

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) भी अफगानिस्तान के हालात पर नजर रखे हुए है और उन्हें उम्मीद है कि देश के खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग में हिस्सा लेंगे। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘‘अभी प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी होगी लेकिन हम नजर रखते हुए हैं। हमारे लिए कुछ भी नहीं बदला है और हम उम्मीद करते हैं कि राशिद और अफगानिस्तान के अन्य खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा होंगे।’’

अफगानिस्तान को एक सितंबर से पाकिस्तान के खिलाफ कोलंबो में तीन मैचों की एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलनी है। शिनवारी ने कहा कि सभी निर्धारित द्विपक्षीय श्रृंखलाएं होंगी और आईपीएल में खेलने वाले तीनों खिलाड़ियों राशिद, नबी और मुजीब को बोर्ड से एनओसी मिल गई है। शिनवारी ने कहा, ‘‘सत्ता में बदलाव के साथ हमें क्रिकेट गतिविधियों को नुकसान की आशंका नहीं दिखती।’’

ब्रिटेन में हंड्रेड टूर्नामेंट से जुड़े इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन ने कहा कि राशिद स्वदेश में स्थिति को लेकर चिंतित हैं। पीटरसन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘हमने यहां बाउंड्री के समीप इसे लेकर लंबी बात की और वह चिंतित है। वह अपने परिवार को अफगानिस्तान से नहीं निकाल पाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह अभी जिस दबाव में है उसमें उसके लिए यहां आकर प्रदर्शन करना आसान नहीं है... इन चीजों को भूलना।’’

इसी महीने अफगानिस्तान के मुख्य चयनकर्ता का पद छोड़ने वाले असादुल्ला खान को भी लगता है कि तालिबान के शासन में क्रिकेट को नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निजी तौर पर तालिबान के शासन वाले क्षेत्रों में गया हूं। उन्हें खेल काफी पसंद है। इसलिए इस नजरिए से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।’’ शिनवरी से साथ ही उम्मीद जताई कि बीसीसीआई सहित क्रिकेट की बड़ी टीमें उनके खिलाफ अधिक मुकाबले खेलेंगी जिससे देश में खेल की वित्तीय हालत में सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम बीसीसीआई सहित सभी बड़े क्रिकेट देशों के साथ नियमित द्विपक्षीय क्रिकेट मुकाबले चाहते हैं।’’

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