पुणे: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की। विराट ने 254 रनों का लाजवाब पारी खेली और टेस्ट क्रिकेट में 7 दोहरे शतक जड़ने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7000 रन भी पूरे कर लिए। दिन का खेल खत्म होने के बाद विराट कोहली ने बीसीसीआई डॉट टीवी से बातचीत में बताया कि उन्हें लगातार शानदार प्रदर्शन करने के लिए क्या प्रेरित करता है और क्या है उनकी बड़ी पारियों व सफलताओं के पीछे का सीक्रेट।
विराट कोहली के मुताबिक उन्हें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां सीमाओं से आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करती है जिससे अंत में बड़े टेस्ट शतक जड़ने में मदद मिलती है। कोहली ने कहा, ‘अच्छा लगता है, अपने करियर में इस तरह की छोटी-छोटी उपलब्धियां हासिल करना अच्छा है, सबसे ज्यादा दोहरे शतक बनाना।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरू में बड़ा स्कोर बनाने में परेशानी होती थी लेकिन जैसे ही मैं कप्तान बना तो आप हमेशा हर वक्त टीम के बारे में ही सोचते हो। आप सिर्फ अपने खेल के बारे में नहीं सोच सकते। इसी प्रक्रिया में आप अपनी सोच से ज्यादा बल्लेबाजी कर लेते हो, अब लंबे समय से मानसिकता यही रही है।’
अपनी नाबाद पारी के बारे में उन्होंने कहा कि टीम के बारे में सोचने से उन्हें इस गर्मी और उमस भरे हालात में मैराथन पारी खेलने में मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल है, लेकिन अगर अप टीम के बारे में सोचते रहते तो आप खुद को उस सीमा से आगे ले जाते हो जो आमतौर पर आम नहीं कर सकते। गर्मी और उमस में यही चीज अहम रही, परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हो तो आप टीम के बारे में सोचते हो और आप तीन-चार घंटे और बल्लेबाजी कर लेते हो।’
विराट ने आगे कहा, ‘यही सबसे चुनौतीपूर्ण चीज थी और फिर रविंद्र जडेजा बल्लेबाजी के लिये आया और जड्डू के साथ आपको तेज दौड़ना पड़ता है। यह शारीरिक और मानिसक रूप से चुनौतीपूर्ण था लेकिन बतौर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आपको तैयार करता है।’
अपने दोहरे शतक के बारे में बात करते हुए कोहली ने कहा, ‘शीर्ष दो दोहरे शतक एंटीगा और मुंबई वाले होंगे, जिसमें से एक इंग्लैंड के खिलाफ था। वैसे सारे दोहरे शतक विशेष होते हैं लेकिन ये दोनों ज्यादा विशेष हैं क्योंकि एक विदेशी सरजमीं पर था और एक इंग्लैंड के खिलाफ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में, जब बहुत गर्मी और उमस थी।’