- लिटन दास की पत्नी देवाश्री घर में सिलेंडर फटने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गईं
- देवाश्री चाय बना रही थीं, जब यह गंभीर घटना घटी
- देवाश्री ने अपना चेहरा बचाना चाहा, जिसकी वजह से उनके हाथ जल गए
ढाका: बांग्लादेश के बल्लेबाज लिटन दास की पत्नी देवाश्री बिस्वास संचिता घर में एक गंभीर हादसे का शिकार हुईं, जिसमें उनकी जान बाल-बाल बची। देवाश्री शुक्रवार को घर में चाय बना रही थीं जब सिलेंडर फट गया। देवाश्री गंभीर रूप से घायल हो गईं। परिवार से जानकारी मिली है कि सिलेंडर में छेद होने के कारण यह गंभीर हादसा हुआ। वहीं देवाश्री बिस्वास संचिता अपना चेहरा बचाने में कामयाब हुईं, लेकिन इस कारण उनके हाथ जल गए हैं।
देवाश्री के बालों ने भी आग पकड़ी थी। इतने बड़े विस्फोट के कारण किचन का एक हिस्सा भी संचिता के ऊपर गिरा। फिलहाल संचिता के शरीर पर गहरे घांव हैं, लेकिन उनकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती थी। संचिता की हालत में सुधार है और उन्होंने हाल ही में इसकी जानकारी दी।
क्रिकेट97 डॉट कॉम के हवाले से संचिता ने कहा, 'मैं अपनी भावनाएं अभिव्यक्त नहीं कर सकती। यह मेरे लिए बिलकुल भी आसान नहीं था। मैं मौत के बेहद करीब पहुंच चुकी थी। अगर मैंने अपने हाथों से चेहरे को नहीं ढका होता, तो हो सकता है कि पूरा चेहरा जल जाता। मेरे बाल भी जल गए हैं, जो काटने पड़ेंगे। यह बहुत कष्टदायक है, लेकिन मैं जानती हूं कि समय के रहते ठीक हो जाऊंगी। मैं नहीं जानती कि अगर आग मेरे चेहरे पर लगती तो क्या होता। हर किसी से एक ही गुजारिश है कि अपना ध्यान रखें।'
पिछले साल हुई शादी
लिटन दास और देवाश्री बिस्वास संचिता ने पिछले साल विश्व कप के बाद शादी की। लिटन दास ने शादी के कारण श्रीलंका दौरे से किनारा किया था। इससे पहले अप्रैल में इन दोनों ने सगाई की थी। इसके बाद लिटन दास विश्व कप के लिए बांग्लादेश क्रिकेट टीम से जुड़े थे। लिटन दास इस समय अपने परिवार के साथ ही समय बिता रहे हैं। कोरोनावायरस के कारण क्रिकेट टूर्नामेंट्स रद्द या फिर स्थगित हैं। इसके चलते क्रिकेटर्स को अपने घर में समय बिताने का मौका मिल रहा है।
आधा वेतन किया दान
कोरोनावायरस की महामारी के कारण बांग्लादेशी खिलाड़ी घर में ही रह रहे हैं। लिटन दास भी उनमें से एक हैं। बांग्लादेशी विकेटकीपर बल्लेबाज ने कोरोना के खिलाफ जंग के लिए अपना आधा वेतन दान किया है। लिटन दास ने अन्य 26 खिलाड़ियों के साथ करीब 26 लाख टका इकट्ठा करके दान किए। मशरफे मुर्तजा ने भी जिम्मेदारी निभाई और जरुरतमंदों की मदद की।