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ऐसा क्‍या हुआ था कि इमरान खान के कहने पर 3 साल बाहर रहे मियांदाद, अली ने किया सनसनीखेज खुलासा

Updated Apr 15, 2020 | 18:42 IST

Basit Ali on Javed Miandad's exclusion: अली ने कहा कि मियांदाद के खिलाफ कोई साजिश हुई थी। वह उस समय अच्‍छे फॉर्म में थे। मुझे प्‍यादा बनाया गया। जावेद मियांदाद को तीन साल तक टीम से बाहर रखा गया।

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इमरान खान और जावेद मियांदाद
मुख्य बातें
  • बड़ी मिन्‍नतों से जावेद मियांदाद बना पाए थे वर्ल्‍ड कप रिकॉर्ड
  • मियांदाद को 1993-96 तक एक भी वनडे खेलने का मौका नहीं मिला
  • मियांदाद ने 6 वर्ल्‍ड कप में खेलने का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बनाया

नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान के पूर्व दिग्‍गज बल्‍लेबाज जावेद मियांदाद 90 के दशक में दमदार शॉट और खतरनाक पारियां खेलने के लिए जाने जाते थे। राष्‍ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए मियांदाद ने बल्‍लेबाजी का तरीका बदला। इससे बड़ी बात यह है कि वह पाकिस्‍तान के सर्वकालिक महान बल्‍लेबाजों में से एक माने जाते हैं। इसके बाद उन्‍हें 1996 विश्‍व कप से पहले तीन साल का वनवास झेलना पड़ा था। फैंस को कारण नहीं पता कि मियांदाद को बाहर क्‍यों किया था। मगर एक एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में बासित अली ने मियांदाद के राष्‍ट्रीय टीम से बाहर होने के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। अली ने 1993 और 1996 में पाकिस्‍तान का प्रतिनिधित्‍व किया था।

1992 में पाकिस्‍तान ने इमरान खान के नेतृत्‍व में पहली बार विश्‍व कप खिताब जीता। उस समय खान की छवि विश्‍व स्‍तरीय ऑलराउंडर की थी। वहीं जावेद मियांदाद पाकिस्‍तान के लिए पांच विश्‍व कप में शिरकत कर चुके थे। टीम में किसी से भी ज्‍यादा अनुभव उन्‍हें प्राप्‍त था। 1993 में पाकिस्‍तान टीम प्रबंधन ने वसीम अकरम को कप्‍तान बनाया और जावेद मियांदाद को बाहर करके बासित अली को मौका दिया। मियांदाद को इसके बाद राष्‍ट्रीय टीम में वापसी के लिए तीन साल का इंतजार करना पड़ा ताकि वह छठा विश्‍व कप खेल सकें।

मुझे प्‍यादा बनाया: बासित

बासित अली ने कई सनसनीखेज खुलासे किए, जिसे जानकर फैंस जरूर हैरान होंगे। उन्‍होंने कहा कि 1993 में जावेद मियांदाद को बाहर करने के लिए कुछ साजिश रची गई थी और बासित अली को प्‍यादे की तरह इस्‍तेमाल किया गया था। अली ने कहा कि वह चौथे नंबर पर बल्‍लेबाजी करते थे और उनकी औसत 55 थी। मगर मियांदाद को हटाने के बाद अली को छठे नंबर पर खेलने के लिए कहा गया। बासित अली ने साथ ही कहा कि वह इमरान खान थे, जिनके कहने पर मियांदाद को टीम से बाहर का रास्‍ता दिखाया गया था

बासित अली के हवाले से टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने कहा, 'करीब 1993 में जावेद मियांदाद को टीम से बाहर करने की साजिश रची गई थी। इसलिए मेरी उनसे तुलना शुरू की गई। ईमानदारी से मैं उसका 1 प्रतिशत भी नहीं, जो मियांदाद थे। मैं चौथे नंबर पर बल्‍लेबाजी करता था। जब मियांदाद को बाहर किया तो मुझे नंबर -6 पर बल्‍लेबाजी करने को कहा गया। वसीम अकरम उस समय कप्‍तान थे। मगर मियांदाद को बाहर करने के जिम्‍मेदार थे इमरान खान।'

1996 विश्‍व कप में नहीं था मियांदाद का नाम

अली ने यह भी बताया कि मियांदाद का 1996 विश्‍व कप टीम में नाम शामिल नहीं था। इसलिए मियांदाद हर खिलाड़ी के पास गए और गुजारिश की थी कि वह मार्की इवेंट में सबसे ज्‍यादा बार हिस्‍सा लेने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। अली ने कहा कि यह वो समय था जब वह अपने सर्वश्रेष्‍ठ फॉर्म में थे। मगर अली के दिल में मियांदाद के लिए काफी इज्‍जत थी। यही वजह रही कि मियांदाद के लिए अली ने टीम से बाहर होने का फैसला लिया।

यह राज शायद ही किसी को पता हो: अली

बासित अली ने कहा, 'मैं आपको वो बताने जा रहा हूं, जिसके बारे में आपको शायद ही पता हो। मैं हमेशा अपने देश के खातिर चुप रहा। मियांदाद को 1996 विश्‍व कप टीम में शामिल नहीं किया गया था। शुरुआत में उनका नाम वहां नहीं था। मैं 15 सदस्‍यीय टीम में शामिल था। मगर मियांदाद खिलाड़‍ियों के पास आए और गुजारिश करने लगे कि वह विश्‍व कप खेलना चाहते हैं। उन्‍होंने हमसे पूछा- मुझे कौन अपनी जगह दे सकता है? वह सबसे ज्‍यादा विश्‍व कप में हिस्‍सा लेने का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे। इसलिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया।'

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