- जन्मदिन विशेषः कौन थे इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी जिम पार्क्स
- एक ऐसा खिलाड़ी जिसने बनाए कई रिकॉर्ड लेकिन खेला सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय मैच
- एक मैच खेलकर भी मिला था सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर ऑफ द इयर का अवॉर्ड
क्रिकेट जगत में आज की तारीख (12 मई) पर वैसे तो कई खिलाड़ियों का जन्मदिन मनाया जाता है, लेकिन इनमें से एक क्रिकेटर ऐसा था जो ना सिर्फ लाजवाब था बल्कि उसके करियर व जीवन के किस्से उससे भी दिलचस्प थे। हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर जिम पार्क्स की। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने सिर्फ एक टेस्ट मैच खेलकर उसके अगले साल 'सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर अवॉर्ड' जीत लिया था। आखिर ऐसा क्या किया था जिम पार्क्स ने, और क्या थीं उनकी खूबियां।
जिम पार्क्स का जन्म इंग्लैंड के ससेक्स में 12 मई 1903 को हुआ था। वो एक दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज थे और तेज गेंदबाज भी। एक ऐसा ऑलराउंडर जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकता था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। उनके खून में क्रिकेट था। परिवार में भाई हैरी पार्क्स एक शानदार क्रिकेटर थे, बाद में बेटा जिम पार्क्स जूनियर भी क्रिकेटर बना और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खूब नाम कमाया, ये सफर यही नहीं थमा, क्योंकि उनका पोता बॉबी पार्क्स भी क्रिकेटर बना।
दो बार रचा इतिहास, एक रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा
जिम पार्क्स एक शानदार ऑलराउंडर थे, इसका पता इस बात से चल जाता है कि उन्होंने तीस के दशक में प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हुए दो बड़े रिकॉर्ड बना डाले थे। उनमें से एक रिकॉर्ड ऐसा भी था जो आज तक नहीं टूट पाया है। ससेक्स क्रिकेट क्लब से खेलते हुए पहले तो उन्होंने 1935 सीजन में 1000 रन और 100 विकेट लेने का कमाल किया। जबकि उसके दो साल बाद तो गजब ही कर दिया। इस बार उन्होंने एक काउंटी क्रिकेट सीजन में 3003 रन बनाए और 101 विकेट भी लिए। इंग्लिश क्रिकेट सीजन में आज तक सिर्फ 13 क्रिकेटर ऐसे हुए हैं जिन्होंने एक सीजन में 2000 रन और 100 विकेट लिए हो लेकिन जिम के अलावा किसी ने भी एक साल में 3000 रन बनाने के साथ-साथ 100 विकेट नहीं लिए।
जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का 'कड़वा' स्वाद चखा
इस बेहतरीन ऑलराउंडर के धमाकेदार प्रदर्शन को देखते हुए 1937 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में उनको इंग्लैंड की टीम में मौका दिया गया। अपने पहले टेस्ट मैच में वो लॉर्ड्स के मैदान पर उतरे जहां सभी की नजरें उन पर थीं। पार्क्स ने उस मैच में 22 और 7 रन की पारियां खेलीं और 3 विकेट झटके। हैरानी इस बात की रही कि उनको उस मैच के बाद कभी दोबारा टीम में लिया ही नहीं गया। चयनकर्ताओं के इस फैसले से सब हैरान थे लेकिन हकीकत यही रही कि इतने शानदार ऑलराउंडर ने अपने करियर में सिर्फ 1 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
मिला बेस्ट क्रिकेटर का अवॉर्ड, वो हकदार थे
शायद ही किसी क्रिकेटर के साथ ऐसा हुआ हो कि उसने सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेला हो और सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर का अवॉर्ड मिल जाए। जिस साल जिम पार्क्स ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 3000 रन और 100 विकेट लेने का कमाल किया, उसी साल उनको टेस्ट क्रिकेट में भी मौका मिला। लेकिन जब 'विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर अवॉर्ड' देने की बारी आई तो जिम पार्क्स को ही चुना गया क्योंकि बेशक वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन प्रथम श्रेणी में उनका वो रिकॉर्ड ऐतिहासिक था।
चौंकाने वाले आंकड़े, विश्व युद्ध ने करियर खत्म कर दिया
जिम पार्क्स ने 1924 से 1939 के बीच प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला जिसमें 468 मैच खेलते हुए उनके बल्ले से 21,369 रन निकले और 852 विकेट भी लिए। वो चाहते थे कुछ और साल खेलकर अपने आंकड़े और बढ़ा सकते थे लेकिन 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ जिसने खेलों पर रोक लगा दी और इस ऑलराउंडर का करियर भी वहीं समाप्त हो गया। हालांकि युद्ध के बाद दो साल वो कैंटरबरी क्लब से खेले, फिर लैंकशायर लीग में भी खेले और 60 के दशक में ससेक्स क्रिकेट क्लब के कोच भी रहे। नवंबर 1980 में 77 वर्ष की आयु में जिम पार्क्स का निधन हुआ।