- IPL का हिस्सा नहीं है भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा
- हाशिम अमला जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ियों को भी नीलामी में खरीदार नहीं मिला
- मौका मिलने पर मैं आईपीएल में खेलना चाहूंगा
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी की किसी फ्रेंचाइजी टीम का समर्थन नहीं मिलने के बावजूद चेतेश्वर पुजारा को निराशा नहीं होती है जो लोगों की इस विचारधारा को बदलना चाहते हैं कि वह केवल लंबी अवधि के प्रारूप के विशेषज्ञ हैं।कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका स्ट्राइक रेट (लगभग 110) उनके बराबर है लेकिन फ्रेंचाइजी उनका चयन करती है लेकिन 2018-19 में भारत की आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर जीत के सूत्रधार रहे पुजारा को हमेशा नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पुजारा से पूछा गया कि क्या इससे उन्हें दुख या परेशानी होती है कि टी20 खिलाड़ी के रूप में उनकी योग्यता कोई अन्य तय करे, तो इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि एक क्रिकेटर होने के नाते मैं इस तरह से नहीं सोचता। फिर मैं ऐसा इंसान हूं जो कभी इस तरह का अहं भाव नहीं रखेगा क्योंकि मैंने देखा है कि आईपीएल नीलामी पेचीदा होती है। कप्तान विराट कोहली के साथ भारत के सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट बल्लेबाज ने कहा कि मैंने देखा है कि हाशिम अमला जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ियों को भी नीलामी में खरीदार नहीं मिलता है। कई बहुत अच्छे टी20 खिलाड़ी हैं जिन्हें नहीं चुना जाता है। इसलिए मैं इसको लेकर अहं भाव नहीं रखता कि उन्होंने मुझे नहीं चुना। हां, मौका मिलने पर मैं आईपीएल में खेलना चाहूंगा।
टेस्ट खिलाड़ी का ठप्पा
पुजारा से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्हें लोगों की उनको लेकर बनी धारणा के कारण नुकसान होता है, उन्होंने कहा कि मैं हां कहूंगा। मुझ पर टेस्ट खिलाड़ी का ठप्पा लगा दिया गया है और मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। आस्ट्रेलिया के 2018-19 दौरे में 500 से अधिक रन बनाकर भारत को 2-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पुजारा ने कहा कि मैं शुरू से कहता रहा हूं कि मुझे मौका मिलना चाहिए और एक बार मौका मिलने पर ही मैं यह साबित कर पाऊंगा कि मैं सफेद गेंद (सीमित ओवरों) की क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं।
करूंगा मौके का इंतजार
उन्होंने कहा कि मैंने लिस्ट ए क्रिकेट (औसत 54), घरेलू टी20 (मुश्ताक अली ट्राफी में शतक) में अच्छा प्रदर्शन किया है। मैंने इंग्लैंड में लिस्ट ए मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया था। पुजारा ने कहा कि प्रदर्शन ऐसी चीज है जिस पर मैं नियंत्रण कर सकता हूं और मैं ऐसा करूंगा। मैं अभी केवल मौके का इंतजार कर सकता हूं। सभी प्रारूपों में खेलकर मुझे खुशी होगी। जब तक मैं खेलता रहूंगा तब तक खेल का विद्यार्थी बना रहूंगा और सीखने की कोई सीमा नहीं होती है। लेकिन जब मुझे मौका मिलेगा तभी मैं धारणा बदल सकता हूं।
मुश्किल दौर में सुरक्षित रहना अधिक महत्वपूर्ण
आईपीएल के दौरान अन्य वर्षों में पुजारा इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में खेलते थे लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस बार यह संभव नहीं हो पाया। यह निराशाजनक है कि उनके साथियों को आईपीएल में मैच खेलने का मौका मिलेगा लेकिन उन्हें केवल नेट अभ्यास से काम चलाना पड़ेगा क्योंकि घरेलू सत्र को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। पुजारा ने कहा कि हां यह निराशाजनक है लेकिन हताश करने वाला नहीं। मैं ब्रिटेन इसलिए नहीं जा पाया क्योंकि यह मुश्किल दौर है और ऐसे में अपने परिवार के साथ और सुरक्षित रहना अधिक महत्वपूर्ण है। यह मैच अभ्यास को लेकर बहुत अधिक चिंता करने का समय नहीं है।
मेरी प्रतिबद्धता खेल के प्रति रहती है
अच्छे जीवन के लिये संतोष बेहद जरूरी है और भारत की तरफ से 77 टेस्ट मैचों में 5840 रन बनाने वाला यह 32 वर्षीय बल्लेबाज इसे समझता है।उन्होंने कहा, कि मैं ऐसा नहीं सोचता कि मेरे पास यह नहीं है, मेरे पास वह नहीं है। मेरे पास जो कुछ है मैं उसी में खुश रहता हूं। चाहे मैं इंडियन ऑयल की तरफ से कार्यालय क्रिकेट खेल रहा हूं या सौराष्ट्र के लिये रणजी ट्राफी, मेरी प्रतिबद्धता हमेशा शत प्रतिशत रहती है। मेरी प्रतिबद्धता खेल के प्रति रहती है। मैंने भारत के लिये मैच जीते हैं। पुजारा ने कहा कि जब आप भारत के लिये जीत दर्ज करते हो तो उस अहसास का कोई सानी नहीं होता है। लाखों लोग आपका समर्थन कर रहे होते है। मैं उस अहसास को समझता हूं और कोई उसे छीन नहीं सकता।