- दानिश कनेरिया ने सोमवार को नया वीडियो रिलीज किया
- कनेरिया ने कहा कि पीसीबी और प्रधानमंत्री से मदद मांगी
- कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बारे में बड़ा खुलासा किया है
कराची: पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने सोमवार को एक नया वीडियो जारी करके खुलासा किया कि वह कोई धार्मिक कार्ड नहीं खेल रहे हैं बल्कि अपना हक दोबारा पाना चाहते हैं। पता हो कि दानिश कनेरिया इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम की पोल खोलते हुए बताया था कि हिंदू होने की वजह से टीम के साथी उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते थे। कनेरिया से पहले शोएब अख्तर ने लेग स्पिनर के बारे में यह खुलासा किया था।
इसके बाद से कनेरिया ने कई वीडियो अपने यू-ट्यूब चैनल पर पोस्ट किए और पाकिस्तान क्रिकेट टीम व बोर्ड के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए। अब कनेरिया ने सोमवार को एक नया वीडियो जारी करके बताया है कि उनके साथ अगर पीसीबी ने भेदभाव नहीं किया तो क्या किया है। कनेरिया ने कहा, 'बात शुरू हुई शोएब अख्तर के बयान को लेकर। इसके बाद कई सवाल खड़े हुए कि मैंने 10 साल बिना भेदभाव के पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला और अब आरोप लगा रहा हूं। मैंने अपनी सफाई में कहा कि मैंने 10 साल पूरी लग्न और मेहनत के साथ क्रिकेट खेली और अपने किसी प्रतिद्वंद्वी को आगे नहीं बढ़ने दिया।'
Watch: दानिश कानेरिया ने कल फिर एक वीडियो डालकर, सबको सवालों के घेरे में डाल दिया
'इसके बाद लोग बोल रहे हैं कि पीसीबी पर मैंने भेदभाव के आरोप लगाए हैं। मैं बताना चाहता हूं कि मेरा फिक्सिंग का मामला काउंटी क्रिकेट का है। मैंने उसे स्वीकार किया और मुझ पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। मैंने पीसीबी और प्रधानमंत्री इमरान खान का दरवाजा बहुत बार खटखटाया, लेकिन किसी ने मेरी स्थिति समझने की कोशिश नहीं की। मैंने निजी तौर पर आईसीसी को पत्र लिखा, लेकिन वहां से जवाब आया कि आपका बोर्ड इस बारे का पत्र लिखकर हस्तक्षप करेगा।'
'मैंने बार-बार पीसीबी का दरवाजा खटखटाया और प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मदद की गुहार लगाई। मगर मुझे कही से भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला। मुझे तब लगा कि मेरे साथ भेदभाव हो रहा है। कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि मैं धार्मिक कार्ड खेल रहा हूं। ऐसा बिलकुल भी नहीं है। मैं कोई धार्मिक कार्ड नहीं खेल रहा हूं बल्कि मैं तो यह कह रहा हूं कि पाकिस्तान मेरा हक वापस करे। मैंने 10 साल पाकिस्तान क्रिकेट की सेवा की है, मैं पाकिस्तान का खिलाड़ी हूं, तो मुझे मेरा हक मिलना चाहिए। मेरा भी परिवार है। मैं कुछ कमा नहीं रहा हूं। मैं बार-बार पीसीबी अधिकारी और प्रधानकंत्री से मदद के लिए पूछ रहा हूं, लेकिन कोई मेरी बात को तवज्जो नहीं दे रहा है, तो मैं क्या समझूं कि मेरे साथ भेदभाव हो रहा है या नहीं।'