लाइव टीवी

Dhiraj Parsana: दोनों तरफ गेंद को स्विंग कराने की थी महारत, जानिए जमीन से जुड़े क्रिकेटर की कहानी

Updated Dec 02, 2020 | 07:25 IST

Dhiraj Parsana: धीरज पार्सना में गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता थी। हालांकि, उनका अंतरराष्‍ट्रीय करियर केवल दो टेस्‍ट तक ही सीमित रहा। 1979 में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ उन्‍होंने अपने दोनों टेस्‍ट खेले।

Loading ...
धीरज पार्सना
मुख्य बातें
  • भारत के पूर्व तेज गेंदबाज धीरज पार्सना आज अपना 73वां जन्‍मदिन मना रहे हैं
  • धीरज पार्सना ने भारत के लिए 1979 में दो टेस्‍ट मैच खेले
  • धीरज पार्सना क्रिकेट के बाद पिच क्‍यूरेटर बने और खेल में अपनी सेवाएं देना जारी रखा

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर धीरज पार्सना आज अपना 73वां जन्‍मदिन मना रहे हैं। 2 दिसंबर 1947 को धीरज का जन्‍म गुजरात के राजकोट में हुआ था। धीरज पार्सना को भारत की तरफ से दो टेस्‍ट मैच खेलने के मौके मिले। इसका प्रमुख कारण यह था कि धीरज एक गेंदबाज होने के साथ-साथ बल्‍लेबाज भी थे। मध्‍यम गति के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज धीरज ने फर्स्‍ट क्‍लास क्रिकेट में 22.24 की औसत से 320 विकेट चटकाए, लेकिन महत्‍वपूर्ण बात यह थी कि उन्‍होंने 26.54 की औसत से 2,946 रन भी बनाए।

भले ही प्रभावी आंकड़ें हो, लेकिन ये नंबर्स पूरी कहानी नहीं बताती। पार्सना ने रणजी ट्रॉफी में वेस्‍टर्न जोन लेग में सौराष्‍ट्र और गुजरात की तरफ से खेला, जिसका मतलब कि उन्‍होंने बॉम्‍बे और बड़ौदा जैसे दिग्‍गजों का सामना करना था। पार्सना का कद 5 फुट 9 इंच था और न ही उनके पास ज्‍यादा गति थी। मगर पार्सना में गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता थी। वो कभी-कभी बाएं हाथ से स्पिन भी करते थे, और इसमें भी उन्‍हें सफलता मिली।

परिश्रम की कहानी

राजकोट में जन्‍में धीरज पार्सना एक अमीर किसान के बेटे थे। उनके पिता 40 एकड़ जमीन के मालिक थे। मिट्टी का बेहतरीन ज्ञान बाद के दिनों में धीरज के लिए काम आया। पार्सना ने 18 साल पूरे करने से पहले ही डेब्‍यू किया था, लेकिन पहले तीन सीजन में उन पर किसी ने ध्‍यान नहीं दिया। उन्‍होंने भारतीय रेलवेज की नौकरी ली और बाद में टीमें बदली।

1968-69 में पंजाब के खिलाफ उन्‍होंने पहली बार अपना जलवा दिखाया। तब पार्सना तीसरे क्रम पर बल्‍लेबाजी करने आए और 31 रन बनाए। मगर गेंद के साथ उन्‍होंने अपना गहरा प्रभाव छोड़ा। पंजाब को फॉलोऑन मिला था, पार्सना ने दो पारियों में लगातार गेंदबाजी की और 45/6 व 146/7 का प्रदर्शन किया। वह वसंत रंजने के बाद एक मैच में 13 विकेट लेने वाले दूसरे रेलवे के गेंदबाज बने थे। दो मैच के बाद धीरज ने सर्विसेस के खिलाफ 46/6 और 105/4 का प्रदर्शन किया था।

अगले सीजन में धीजर ने गुजरात का दामन थामा और मफतलाल की नौकरी कर ली। गुजरात क्रिकेट में वह जल्‍द ही दिग्‍गज बने। उन्‍होंने तीनों भूमिकाएं बल्‍लेबाजी, तेज गेंदबाजी और स्पिनर निभाई। सौराष्‍ट्र के खिलाफ उन्‍होंने 1977-78 में 106 रन बनाए और फिर अगले मैच में महाराष्‍ट्र के खिलाफ कुल 8 विकेट लिए।  बेहतरीन प्रदर्शन के कारण धीरज पार्सना को भारतीय टेस्‍ट टीम में मौका मिला। 6 मैचों की टेस्‍ट सीरीज के दौरान चेपॉक में हुए चौथे टेस्‍ट में धीरज पार्सना को डेब्‍यू का मौका मिला।

मिट्टी के आदमी

पार्सना ने टेस्‍ट डेब्‍यू में वानबर्न होल्‍डर को अपना शिकार बनाया। पार्सना बल्‍लेबाजी में बिना खाता खोले आउट हुए। भारत ने यह टेस्‍ट तीन विकेट से जीता। कोटला में हुए अगले टेस्‍अ में धीरज पार्सना को दोबारा मौका मिला। वो सिर्फ एक रन बना सके और सिल्‍वेस्‍टर क्‍लार्क के शिकार बनकर आउट हुए। भारत टेस्‍ट ड्रॉ कराने में कामयाब रहा। पार्सना को दोबारा कभी टेस्‍ट मैच खेलने को मौका नहीं मिला। अगले सीजन में पार्सना सौराष्‍ट्र के लिए खेले और फिर 1982-83 तक घरेलू क्रिकेट खेला। 

पार्सना ने क्रिकेट में अपनी सेवाएं देना जारी रखी। वह पिच क्‍यूरेटर बने और बहुत शानदार पिच देने के लिए उन्‍हें जाना जाता है। 
पार्सना को डरहम ने भी पिछले साल चुना था। पार्सना ने कहा था, 'मुझे अंग्रेजी नहीं आती, इसलिए अन्‍य क्रिकेटरों की तरह मैं कही और काम नहीं कर सकता। मगर कुछ लोगों को पता है कि मेरा नाता किसानों के परिवार से रहा है। कुछ समय बाद मुझे भी पिच की समझ होने लगी और पता चला कि किस तरह उनका ध्‍यान रखना है।'

यहां से नई पारी की शुरूआत हुई। पार्सना ने एलडी इंजीनियरिंग कॉलेज ग्राउंड्समैन के रूप में शुरू की। एआर गांधी से उन्‍हें कई तरह की मिट्टी के बारे में पता चला। वह शहर के सबसे लोकप्रिय ग्राउंड्समैन में से एक बचे। जब मोटेरा स्‍टेडियम का निर्माण 1982 में शुरू हुआ, तब पॉली उमरीगर ने पार्सना को क्‍यूरेटर का पद दिया। पार्सना ने पिच और बीसीसीआई की ग्राउंड्स समिति में काम किया और वेस्‍ट जोन के राष्‍ट्रीय चयनकर्ता के पद पर भी रहे। 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्रिकेट (Cricket News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल