- पूर्व कोच मोहसिन खान ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों की फिटनेस पर सवाल खड़े किए
- शर्जील खान की टीम में वापसी से बहुत नाराज हैं मोहसिन खान
- मोहसिन ने कहा कि मिस्बाह की दोहरी जिम्मेदारी से भी वह खुश नहीं थे
कराची: पूर्व ओपनर और कोच मोहसिन खान ने पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की फिटनेस स्तर की जमकर आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि टीम में जगह पाने वाले 11 खिलाड़ियों में से 8 का फिटनेस स्तर रद्दी है। मोहसिन ने शर्जील खान की राष्ट्रीय टीम में वापसी के बाद यह बयान दिया है। बता दें कि स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में ढाई साल का प्रतिबंधन पूरा करने के बाद शर्जील की राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई है। कई लोगों ने शर्जील को दूसरा मौका देने के फैसले पर सवाल खड़े किए, वहीं मोहसिन ने ओपनर के वजन पर अपने विचार रखे। उनका मानना है कि खान को टीम में नहीं शामिल करने के लिए फिटनेस आखिरी मापदंड होना चाहिए।
मोहसिन ने डेली एक्सप्रेस से कहा, 'पाकिस्तान के लिए ओपनिंग हमेशा से चिंता का विषय रहा है। शर्जील खान प्रतिभाशाली बल्लेबाज है। उसकी फिटनेस को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि मेरे ख्याल से 11 में से 8 पाकिस्तानी खिलाड़ी फिटनेस स्तर पर खरे नहीं उतरेंगे, तो ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।'
मिस्बाह की भूमिका से नाखुश
मोहसिन ने आगे कहा कि वह पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक को दोहरी जिम्मेदारी सौंपने के पक्ष में भी नहीं थे। मिस्बाह को पाकिस्तान टीम का हेड कोच और प्रमुख चयनकर्ता बनाया गया है। मोहसिन का मानना है कि इससे विश्वसनीयता की कमी आएगी। पिछले साल विश्व कप के बाद मिकी आर्थर ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद मोहसिन ने आवेदन दिया था। पूर्व पाकिस्तानी ओपनर ने खुलासा किया उन्हें दोहरी जिम्मेदारी देने की बात की गई थी, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया था।
मोहसिन ने कहा, 'जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो मुझे लगा कि पीसीबी में फैसले मेरिट के आधार पर लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा। हमारा क्रिकेट सही दिशा से खिसकता हुआ दिखा और राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन में किसी प्रकार की निरंतरता नहीं दिखी। मिस्बाह का बतौर हेड कोच और चयनकर्ता होना फायदेमंद साबित नहीं हुआ। हेड कोच अपनी चुनी हुई टीम ही मैदान पर उतार रहा है तो आप खराब प्रदर्शन के लिए किसे जिम्मेदारी ठहराएंगे?'
उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं पाकिस्तान टीम का हेडा कोच था तो पीसीबी चेयरमैन एजाज बट ने प्रमुख चयनकर्ता की जिम्मेदारी भी सौंपने की बात कही थी। मगर मैंने हितों के टकराव का ध्यान रखते हुए इसे स्वीकार नहीं किया था।'