- फारुख इंजीनियर ने कहा था कि उन्होंने चयनकर्ताओं को अनुष्का को चाय के कप देते हुए देखा
- अनुष्का शर्मा ने ट्विटर पर पोस्ट के जरिये इंजीनियर को करारा जवाब दिया
- अनुष्का ने कहा कि वह किसी को अपना नाम विवादों में खींचने की इजाजत नहीं देंगी
नई दिल्ली: फारुख इंजीनियर ने हाल ही में दावा किया था कि इंग्लैंड में संपन्न विश्व कप में भारतीय चयनकर्ता कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा को चाय के कप देने में व्यस्त थे। अब इंजीनियर ने अपने बयान पर बॉलीवुड एक्ट्रेस से माफी मांगी है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इंजीनियर ने कहा कि उनका बयान भारतीय चयनकर्ताओं पर था न कि अनुष्का शर्मा पर। उन्होंने कहा, 'मैंने वह बात मजाक या ताना देने के हिसाब से कही थी। मगर छोटी सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।'
उन्होंने आगे कहा, 'बेचारी अनुष्का को इसमें खींच लिया गया। वह बहुत प्यारी है। विराट कोहली शानदार कप्तान हैं और कोच रवि शास्त्री भी बेहतरीन काम कर रहे हैं। पूरे मामले को गैरजरुरी ढंग से बढ़ाकर पेश किया गया।' फारुख इंजीनियर ने गुरुवार को कहा था कि उन्होंने विश्व कप 2019 में भारतीय चयनकर्ताओं को अनुष्का शर्मा के लिए चाय के कप लाते हुए देखा था।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने कहा था, 'मैं विश्व कप के समय एक भी चयनकर्ता को नहीं जानता था और मैंने पूछा कि वह कौन है क्योंकि वह भारत का ब्लेजर पहने हुए था और उसने कहा कि वह चयनकर्ताओं में से एक है। वह सिर्फ यही करते दिखे कि अनुष्का शर्मा को चाय के कप देते रहे।' इसके बाद अनुष्का शर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक कड़ा संदेश लिखकर इंजीनियर के बयान की निंदा की। अनुष्का ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में विवादों के लिए वह अपना नाम खींचने की इजाजत किसी को नहीं देंगी।
बॉलीवुड एक्ट्रेस ने कड़े शब्दों में कहा कि वह पहले भी शांत रही, लेकिन उनकी शांति को कमजोरी समझा गया।
वैसे, इंजीनियर के बयान पर प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद भी भड़क उठे और बयान दिया। प्रसाद ने पीटीआई से कहा, 'मुझे उस व्यक्ति के लिये दुख होता है जो घटिया बातों में उलझकर परपीड़ा सुख लेता है, जिससे वो झूठे और तुच्छ आरोपों के माध्यम से भारतीय कप्तान की पत्नी और चयनकर्ताओं का अपमान और अनादर कर रहा है। यह नहीं भूलना चाहिए कि इस चयन समिति को बीसीसीआई ने आम सालाना बैठक में उचित प्रक्रिया से नियुक्त किया है। 82 साल के व्यक्ति को परिपक्वता दिखानी चाहिए और भारतीय क्रिकेट के अपने दौर से आज तक हुई प्रगति का लुत्फ उठाना चाहिए।'