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क्या शेफाली वर्मा की वजह से हारा भारत? हरमनप्रीत ने दिया मुंह बंद करने वाला जवाब

Updated Mar 08, 2020 | 20:05 IST

Harmanpreet Kaur defends Shafali Verma, ICC Women's T20 World Cup 2020: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद शेफाली वर्मा को लेकर बयान दिया।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
शेफाली वर्मा टी20 विश्व कप फाइनल में सस्ते में आउट हुईं
मुख्य बातें
  • आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2020 फाइनल
  • भारत को मिली हार, शेफाली वर्मा सस्ते में हुईं आउट, कैच भी छोड़ा
  • शेफाली के आलोचकों को कप्तान हरमनप्रीत कौर का करारा जवाब
  • ऑस्ट्रेलिया की महिल टीम ने पांचवीं बार जीता विश्व कप खिताब

मेलबर्न: अगर भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी महिला टी20 विश्व कप 2020 के फाइनल तक पहुंची, तो इसमें 16 साल की भारतीय ओपनर शेफाली वर्मा का बड़ा योगदान रहा। शेफाली ने कई धुआंधार पारियां खेलीं और टूर्नामेंट में भारत की तरफ से सर्वाधिक (163 रन) बनाने वाली खिलाड़ी बनीं। लेकिन फाइनल मैच में शेफाली सस्ते में आउट हो गईं और साथ ही उन्होंने बेथ मूनी का कैच भी छोड़ा। उनकी हो रही आलोचनाओं पर कप्तान हरमनप्रीत कौर ने करारा जवाब दिया है।

भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 विश्व कप के फाइनल में सलामी बल्लेबाज एलिसा हीली का कैच टपकाने वाली 16 वर्षीय शेफाली वर्मा का बचाव करते हुए कहा कि हार के लिए किसी एक खिलाड़ी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। गौरतलब है कि शेफाली ने मैच के पहले ओवर में हीली का कैच टपका दिया जिन्होंने 39 गेंद में 75 रन की आतिशी पारी खेलने के अलावा बेथ मूनी (54 गेंद में नाबाद 78) के साथ पहले विकेट के लिए 115 रन की साझेदारी की। जिससे आस्ट्रेलिया ने चार विकेट पर 184 रन बनाये।

महज 16 साल की किशोरी..

भारतीय टीम बड़े लक्ष्य के दबाव को झेलने में नाकाम रही जिसकी पारी 99 रन पर सिमट गयी। आस्ट्रेलिया ने मुकाबले को 85 रन से जीतकर पांचवीं बार खिताब अपने नाम किया। हरमनप्रीत ने कहा, ‘वो (वर्मा) केवल 16 वर्ष की है, वो अपना पहला विश्व कप खेल रही है। उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। महज 16 साल की किशोरी के लिए सकारात्मक सोच रखना और खेल में बने रहना मुश्किल है।’

ये एक सीख है

हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘ये उसके लिए एक सीख है लेकिन यह किसी के लिए भी हो सकता है। हम उसे दोष नहीं दे सकते क्योंकि उस तरह की स्थिति में दूसरे खिलाड़ी भी थे।’ बायें हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी पारी की शुरुआती ओवरों में अपनी ही गेंद पर मूनी का कैच टपका दिया था।हरमनप्रीत ने माना कि इन दो कैचों का छूटना निराशाजनक था। उन्होंने कहा, ‘हमने शानदार लय में चल रहे बल्लेबाजों को मौका दिया और जब ऐसा होता है तो किसी गेंदबाज के लिए वापसी करना मुश्किल होता है।’ भारतीय टीम जहां पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंची थी, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपना पांचवां विश्व कप खिताब जीतकर इतिहास रचा।

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