- हार्डी संधू फिल्म 83 के जरिये बॉलीवुड एक्टिंग में डेब्यू करने जा रहे हैं
- हार्डी संधू फिल्म में ऑलराउंडर मदन लाल का किरदार निभा रहे हैं
- हार्डी संधू भारतीय अंडर-19 टीम में शिखर धवन और चेतेश्वर पुजारा के साथ खेल चुके हैं
नई दिल्ली: फिल्म 83 का ट्रेलर देखने के बाद फैंस के रोंगटे खड़े हो गए हैं। भारतीय टीम के 1983 विश्व कप जीतने की कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है। रणवीर सिंह सहित कई स्टार्स इस फिल्म में नजर आएंगे। कबीर खान निर्देशित इस फिल्म से फैंस को काफी उम्मीदें हैं। इस बीच हार्डीं संधू ने बॉलीवुड में अपना एक्टिंग डेब्यू किया। हार्डी संधू फिल्म 83 में ऑलराउंडर मदन लाल का किरदार निभा रहे हैं। संधू ने म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना नाम स्थापित किया और यही वजह है कि फैंस उन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देखने को उत्साहित हैं।
हार्डी संधू का सेलिब्रिटी बनना आसान नहीं था। उन्होंने सुर्खियां हासिल करने से पहले काफी चुनौतियों का सामना किया। उल्लेखनीय है कि हार्डी संधू ने भारतीय अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व किया है और वह पेशेवर क्रिकेट खेलने की कतार में थे। हालांकि, एक चोट के कारण उनका करियर रूका और फिर संधू म्यूजिक में उतर आए। सिंगर से एक्टर बने हार्डी संधू ने शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा जैसे दिग्गाजों के साथ क्रिकेट खेला है।
मैं आसानी से आईपीएल खेल लेता: हार्डी संधू
हार्डी संधू ने 2018 में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा था, 'मैंने करीब 10 साल क्रिकेट खेली। मैंने अंडर19 टीम में शिखर धवन के साथ क्रिकेट खेली। धवन मेरे रूममेट थे। मैंने चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा के साथ भी खेला है। मगर 2006 में मुझे कोहनी में चोट लगी। मैं तेज गेंदबाज था और मेरे दाएं हाथ में ही चोट लगी थी। मैं फिर ऑस्ट्रेलिया चला गया और कैब ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। उस दौरान आईपीएल शुरू हुआ और जो भी मेरे जूनियर थे, उनका भी चयन हुआ। मुझे बहुत बुरा लगा। मैं आसानी से आईपीएल खेल सकता था।'
हार्डी संधू भारत लौटकर अपना क्रिकेट करियर दोबारा शुरू करना चाहते थे, लेकिन चोट ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद उन्होंने गायकी में अपना ध्यान लगाया। 2020 में संधू ने मुंबई मिरर को बताया, 'मैंने ट्रेनिंग शुरू की और रणजी ट्रॉफी के लिए टीम में लौटा। मगर मैच के तीन दिन पहले, मुझे फिर वो ही चोट लगी। 2010 में मैंने दोबारा गायकी सीखना शुरू की और 2011 तक इसे जारी रखा। आखिरकार 2012 में मैं अपना पहला एलबम लेकर आया। कभी मुझे भारत के लिए नहीं खेल पाने का पछतावा जरूर होता है क्योंकि मेरे कोच का भी मानना था कि मैं भारत के लिए खेल सकता था। मुझमें क्षमता थी, लेकिन यह सब किस्मत की बात है।'