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टी20 वर्ल्ड कप: एमएस धोनी के टीम इंडिया का मेंटोर बनने से होंगे ये पांच फायदे

Updated Sep 09, 2021 | 09:51 IST

जानिए विराट सेना के मिशन टी20 वर्ल्ड कप 2021 के साथ बतौर मेंटोर धोनी के जुड़ने से टीम को होंगे कौन से फायदे।

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एमएस धोनी और विराट कोहली( साभार BCCI)
मुख्य बातें
  • टी20 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम के साथ बतौर मेंटोर जुड़ेंगे एमएस धोनी
  • धोनी के टीम के साथ जुड़ने से होंगे कई फायदे
  • धोनी का टीम इंडिया के साथ जुड़ने से विरोधी टीमों के अंदर मचेगी खलबली

नई दिल्ली: 21वीं सदी में भारतीय क्रिकेट की सफलता की इतिहास रचने वाले करिश्माई कप्तान एमएस धोनी ने साल 2019 के आईसीसी वर्ल्ड कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। लेकिन 17 अक्टूबर से यूएई में आयोजित होने जा रहे टी20 वर्ल्ड कप में एमएस धोनी एक बार फिर टीम इंडिया के साथ नजर आएंगे। 

बुधवार को वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय टीम का ऐलान करते वक्त बीसीसीआई के महासचिव जय शाह ने बताया कि धोनी वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया के साथ बतौर मेंटोर जुड़ेंगे।आईए इस बात पर नजर डालें कि 6 बार टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कमान संभालकर एक बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले धोनी के टीम के साथ होने से विराट सेना को कौन से फायदे होंगे।  

ऊंचा रहेगा टीम का जोश:
एमएस धोनी के टीम के साथ होने से सभी खिलाड़ियों का जोश ऊंचा रहेगा। धोनी जैसे करिश्माई कप्तान और अनुभवी खिलाड़ी का साथ मिलने से खिलाड़ियों को अपने खेल को और बेहतर तरीके से परखने में मदद मिलेगी। धोनी पहले भी विकेट के पीछे से गेंदबाजों खासकर स्पिनर्स को मदद देते रहे हैं। धोनी का आखिरी तक हार नहीं मानने वाला जज्बा टीम के सभी खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। 

रणनीति बनाने में मिलेगी मदद:
टी20 वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया की रणनीति तैयार करने में धोनी बेहद मददगार साबित हो सकते हैं। धोनी के पास 15 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने और 6 बार टी20 वर्ल्ड कप में कप्तानी करने का अनुभव है। कब,किस परिस्थिति में किस गेम प्लान को लागू करना है और ये धोनी बखूबी जानते हैं और ड्रेसिंग रूम से वो अपना संदेश मैच के दौरान खिलाड़ियों तक पहुंचा सकते हैं।

कप्तानी में विराट के लिए साबित होंगे मददगार:
जब तक एमएस धोनी टीम इंडिया में रहे उन्होंने कप्तानी के दौरान विराट कोहली की हमेशा मदद की। कई बार तो फील्डिंग के दौरान या मुश्किल स्थिति में धोनी कमान अपने हाथों में ले लेते थे और विराट बाउंड्री पर फील्डिंग करते नजर आते थे। विश्व कप के दौरान धोनी मैदान पर भले ही ना हों लेकिन डगआउट से वो लगातार खिलाड़ियों के जरिए विराट तक अपनी सलाह पहुंचा सकेंगे जिसका फायदा निश्चित तौर पर टीम को मिलेगा।
 
युवाओं का मार्गदर्शन:

भारतीय टीम में कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिला है जिसमें ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव, राहुल चाहर, वरुण चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ियों को जगह मिलेगी। इन खिलाड़ियों के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का भी ज्यादा अनुभव नहीं है। ऐसे में धोनी के टीम के साथ होने से ऐसे खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में दबाव का सामना करने में मदद मिलेगी। धोनी के पास हर किसी के लिए सलाह होती है। निश्चित तौर पर धोनी युवा खिलाड़ियों से वर्ल्ड कप के दौरान अनहोनी को होनी यानी करिश्माई प्रदर्शन करवाने का माद्दा रखते हैं। अगर ऐसा हो सका तो टीम इंडिया को दूसरी बार टी20 क्रिकेट का विश्व चैंपियन बनने सो कोई नहीं रोक सकता।


 
अनुभव की नहीं होगी कमी:
धोनी की टीम के ड्रेसिंग रूम में मौजूदगी ही साथी खिलाड़ियों के लिए बड़ी बात होगी। क्योंकि उनके साथ होने से टीम को अनुभव की कमी महससू नहीं होगी। कुछ महीने पहले तक उसी ड्रेसिंग रूम में बतौर खिलाड़ी खेल रहे धोनी को हर खिलाड़ी के खेल और काबीलियत की अच्छी परख है। किस खिलाड़ी का कब, कहां और कैसे उपयोग करना है ये वो अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में 6 बार टी20 वर्ल्ड कप में टीम की कमान संभालने वाले धोनी का अपार अनुभव टीम के सीनियर और जूनियर दोनों खिलाड़ियों के लिए उपयोगी साबित होगा। 

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